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11 October 2016

हम ऐसे समय में रह रहे हैं जहां सब डरे हुए हैं: टी एम कृष्णा

गूगल

कृष्णा ने कहा कि इस समय सभी डरे हुए हैं और अभिव्यक्ति की आजादी की बहस के मायने बदलने की जरूरत है।

उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि आज हम ऐसे समय में रहते हैं जहां सभी डरे हुए हैं। सिनेमा में लोगों से कहा जाता है कि उनकी फिल्म में कौन काम कर सकता है। बताया जाता है कि किस को काम करना चाहिए और किस को नहीं। इससे ज्यादा हास्यास्पद और क्या हो सकता है। यहां केएलएफ का आयोजन हर साल होता है जिसमें कई जाने-माने लेखक, नेता और विचारक उत्तराखंड के गांव धानाचुली में एकत्र होते हैं।

उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए के सीकरी ने अपने भाषण में साहित्य और न्यायपालिका के बीच तारतम्य स्थापित करते हुए कहा कि न्यायाधीश लेखक भी होते हैं क्योंकि उन्हें लंबे फैसले लिखने होते हैं। साहित्योत्सव में आने वाले दिनों में अमीष त्रिापाठी, रवि सुब्रमण्यम, प्रीति शिनॉय, जेरी पिंटो और रक्षंदा जलील आदि भाग लेंगे। इसमें राजनीति के क्षेत्र से अभिषेक मनु सिंघवी, पवन वर्मा और शत्रुघ्न सिन्हा भी शिरकत करेंगे।

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साहित्योत्सव में पाकिस्तान से आफिया असलम, अली अकबर नातिक, अमीना सैयद, आसिफ फारूखी, आसिफ नूरानी, साबिन जावेरी और मोहसिन सईद जैसे लेखक भी आ रहे हैं। उत्सव 13 अक्तूबर तक चलेगा। (एजेंसी)

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TAGS: कुमाऊं साहित्योत्सव, टी एम कृष्‍णा, पाकिस्तानी कलाकार, प्रतिबंध, डर का माहौल
OUTLOOK 11 October, 2016
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