Advertisement
27 July 2016

अहसास की नजाकत

फ्रांसीसी कथाकार डेविड फोइन्किनोस की कहानी ला डेलीकेट्स यानी नजाकत में इस बात को बड़े ही खूबसूरत अंदाज में एक सहज किस्सागोई के अंदाज में इस तरह से जाहिर किया गया है मानो वह यहीं कहीं अपने इर्द-गिर्द घट रहा है। पढ़ने वाला पाठक उस पूरे सिलसिले में खुद एक किरदार बनकर कहानी का हिस्सा हो जाता है।

फोइन्किनोस की कहानी ला डेलीकेट्स को दुनिया के उन चुनिंदा उपन्यास में शुमार किया जाता है, जिसे पढ़ने वालों को संसार में बहुत सराहा गया। फोइन्किनोस का उपन्यास बेस्ट सेलर बन चुका है। जिसे आलोचकों और पाठकों की इस कदर सराहना मिली की दुनिया के दस बड़े पुरस्कार फोइन्किनोस की झोली में आ गए।

फोइन्किनोस की कहानी और ताना-बाना इतना सधा हुआ है कि पढ़ते समय पाठक खुद दिलचस्पी लेने लगता है। कुछ सफों के बाद वह खुद को उस उपन्यास के किसी किरदार में ढूंढने लग जाता है। नजाकत यूरोपीय परिवेश बताती है। इस उपन्यास का हिंदी रूपांतर राजपाल एंड संस ने प्रकाशित किया है। इसमें यूरोपीय परिवेश और वहां की रस्मों से रचे-बसे इस किस्से में ऐसे इंसानी जज्बातों को उभारा गया है जो किसी भी हद, सरहद में बंध कर नहीं रह सकता। शायद यही वजह है कि इस किस्से को पढ़ने वाला देश और भाषा की तमाम हदों से परे निकल जाता है और उसे इंसान और इंसानी जज्बातों की भाषा ही समझ में आने लगती है।

Advertisement

फोइन्किनोस के बारे में मशहूर है कि वह अपना उपन्यास लिखते समय कई नई-नई धुनें भी तैयार कर लेते हैं। लेकिन इस उपन्यास को पढ़ते समय ऐसा महसूस होता है कि फिजा में हल्का-हल्का ऐसा संगीत गूंज रहा है जो माहौल को न सिर्फ भारी होने से बचाए हुए है बल्कि एक तरावट का अहसास देना शुरू कर देता है ताकि नायिका के साथ घटते घटनाक्रम का अवसाद माहौल पर तारी न हो पाए।

पुस्तक – नजाकत

 

लेखक -  डाविड फोइन्किनोस

 

अनुवाद - प्रभात रंजन

 

मूल्य - 295 रुपये

 

प्रकाशक - राजपाल एंड संस, नई दिल्ली  

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: nazakat, shail mathur, book review, नजाकत, शैल माथुर, पुस्तक समीक्षा
OUTLOOK 27 July, 2016
Advertisement