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हेमा मालिनी ने बताया खुद को भगवान कृष्ण की गोपी, कहा- मैं राजनीति में सेवा करने आई हूं

हेमा मालिनी ने बताया खुद को भगवान कृष्ण की गोपी, कहा- मैं राजनीति में सेवा करने आई हूं

मथुरा से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार के तौर पर तीसरी बार लोकसभा चुनाव लड़ रही अभिनेत्री एवं...
अब प्यार भी स्वाइप होगा

अब प्यार भी स्वाइप होगा

‘वो स्वाइप करके उतर गई मेरे दिल में’ सुदीप नगरकर के अंग्रेजी उपन्यास नॉवेल ‘शी स्वाइप्ड राइट इनटू माय हार्ट’ का हिंदी अनुवाद है। नगरकर पहले से ही रोमांटिक नॉवेल्स के कारण जाने-पहचाने नाम बन चुके हैं। ये नॉवेल भी प्रेम कहानी है जो दोस्ती की चाशनी में भीगी हुई है।
महारानी को गुस्सा क्यों आता है

महारानी को गुस्सा क्यों आता है

पिछले दिनों भारतीय जनता पार्टी में बैठक का सिलसिला चल रहा था। पहले सभी संगठन मंत्रियों, महासचिवों की बैठक के बाद भाजपा शासित मुख्यमंत्रियों की बैठक हुई। मुख्यमंत्रियों की बैठक में बैठक की चर्चा के ज्यादा राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की अनुपस्थिति की चर्चा रही।
यादों के संदूक में शब्द

यादों के संदूक में शब्द

बचपन सभी का सुनहरा होता है। इसी बचपन की यादों का पिटारा जब शब्दों में सहेज लिया जाता है तो किताब बन जाता है। ऐसी ही एक किताब है आर के नारायण की। उनके बचपन के संस्मरणों पर आधारित इस किताब का नाम है, मेरी जीवन गाथा।
अहसास की नजाकत

अहसास की नजाकत

कहते हैं औरत का मन कोई नहीं जान सकता। उसके दिल के जज्बातों को जब तक वह खुद अपनी जुबान से न कहे, अंदाजा लगाना मुश्किल है। इसके उलट, औरत सहजता से इस बात का अंदाजा लगा लेती है कि उसके सामने आए शख्स के दिल में उसको लेकर क्या चल रहा है और पाया भी यही जाता है कि ज्यादातर मामलों में औरत का अनुमान एक दम सही और सटीक होता है।
सातवां वेतन आयोग: जारी हुई अधिसूचना, अगस्त से मिलेगा बढ़ा वेतन

सातवां वेतन आयोग: जारी हुई अधिसूचना, अगस्त से मिलेगा बढ़ा वेतन

सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को क्रियांवित करने के लिए केंद्र सरकार ने मंगलवार को अधिसूचना जारी कर दिया। अधिसूचना जारी हो जाने से केंद्रीय कर्मचारियों-अधिकारियों को अगस्त माह से ही बढ़ा हुआ वेतन मिलने की संभावना है।
मिसिंग पर्सन पुस्तक हिंदी में

मिसिंग पर्सन पुस्तक हिंदी में

हर व्यक्ति का अपना एक अतीत होता है। बल्कि कहना गलत न होगा कि हमारा वर्तमान हमारे अतीत की नींव पर टिका होता है। ऐसे में अगर हमारे भीतर से अतीत विस्मृत हो जाए तो हमारा पूरा वजूद डावांडोल होने लगता है। हम अपनी पहचान के संकट से आक्रांत हो उठते हैं। ऐसे में किसी संवेदनशील व्यक्ति का अपने अतीत की तहों में उतरकर स्मृतियों के रेशे तलाशना स्वाभाविक है।
जीवन के आयामों का आइना पॉल की तीर्थयात्रा

जीवन के आयामों का आइना पॉल की तीर्थयात्रा

तरक्की के इस दौर में, सभ्यता और आधुनिकता के बीच तालमेल बनाने की होड़ मची हुई है। इस दौर में परिवारों का ढांचा भी बदल गया है। संयुक्त परिवारों की जटिलताओं के दौर से निकलने के बाद तरक्की पसंद लोगों ने एकल परिवार की नई परिकल्पना संसार को दी थी।
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