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10 May 2020

शराब उद्योग, रेस्टोरेंट और ऑनलाइन फूड कंपनियों ने सरकार से कहा, होम डिलीवरी की दे इजाजत

PTI

शराब उद्योग सरीखे रेस्तरां, बार और कुछ ऑनलाइन फूड एग्रीगेटर्स ने सरकार से शराब की होम डिलीवरी की अनुमति देने का आग्रह किया है। इन उद्योगों ने सरकार से कहा है कि इससे न केवल सामाजिक दूरी को सुनिश्चित किया जा सकेगा बल्कि कोविड-19 संकट से जुझ रहे सेक्टरों के भी हित में होगा।

ऑल इंडिया ब्रूअर्स एसोसिएशन (एआईबीए) ने सरकार को सुझाव दिया है निजी ई-कॉमर्स कंपनियां जैसे फ्लिपकार्ट, अमेजन, ग्रोफर्स और अन्य सहित फूड वितरण कंपनियां जैसे जोमैटो, स्विगी और अन्य के लिए विशेष लाइसेंस मुहैय्या कराई जाए। ये कंपनियां राज्यों के लाइसेंस धारी खुदरा विक्रेताओं और थोक विक्रेताओं से ग्राहकों की मांग को पूरा करेंगे।

3 हजार करोड़ रुपए की शराब स्टॉक

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बता दें, रेस्तरां और होटल के करीब 3 हजार करोड़ रुपए की शराब स्टॉक है जो लॉकडाउन और कोरोना के कारण नहीं बिक पा रही है। इस बाबत इन कंपनियों ने स्टॉक को बेचने की अनुमति मांगी है। एसोसिएशन ने राज्य सरकारों से अनुरोध किया है कि होम डिलीवरी के माध्यम से शराब के स्टॉक को बेचने की अनुमति दे।

एनआरएआई प्रेसिडेंट ने कही ये बात

नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनआरएआई) के प्रेसिडेंट अनुराग कटरियार ने कहा है कि इससे जरूरतमंद लोगों सहायता मिल पाएगा। और इससे सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का भी पालन होगा। उन्होंने कहा कि हम समझते हैं कि इस कानून में कुछ संशोधनों की आवश्यकता हो सकती है, लेकिन इसे वर्तमान की असाधारण परिस्थितियों में किया जा सकता है।

ऑनलाइन को राज्य दे अनुमति: सीआईएबीसी

वहीं, भारतीय मादक पेय कंपनियों (सीआईएबीसी) के महानिदेशक विनोद गिरी ने कहा है कि सरकार को होम डिलीवरी ढ़ांचे को बनाने के लिए अलग से ऑनलाइन सिस्टम पर विचार करना चाहिए। हम सभी सरकार को आवश्यक सहयोग देंगे और इसमें पूरी सहायता करेंगे। आगे उन्होंने कहा कि वर्तमान में इससे संबंधित अधिकांश गतिविधियों में सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन हो सकता है लेकिन आज की तकनीक के साथ इनमें से बहुत सारे कार्य आसानी से ऑनलाइन किए जा सकते हैं। इससे भ्रष्टाचार के अलावा कोरोना के कारण उत्पन्न हुए जोखिम को भी कम किया जा सकता है।

25 हजार करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान

एसोसिएशन के मुताबिक शराब उद्योग से राज्य सरकारों को लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होता है। 40 दिनों में शराब कारोबार बंद होने की वजह से राज्यों को लगभग 25 हजार करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है।

होम डिलीवरी पर राज्य करे विचार: सुप्रीम कोर्ट 

वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने 8 मई को राज्यों से दुकानों में भीड़ के कारण कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन अवधि के दौरान नॉन-डायरेक्ट कॉन्टेक्ट या ऑनलाइन बिक्री के अलावा शराब की होम डिलीवरी पर विचार करने के लिए कहा था।

 

 

 

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TAGS: Liquor Makers, Restaurants Pitch, Home Delivery Of Booze, Suggest Several Models
OUTLOOK 10 May, 2020
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