एसबीआई कंसोर्टियम निजी क्षेत्र के यस बैंक को खरीदेगा, जल्द होगी घोषणा
भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाला कंसोर्टियम यस बैंक का अधिग्रहण करेगा। सूत्रों के अनुसार सरकार ने इसकी मंजूरी दे दी है। इस बारे में जल्द ही घोषणा की जा सकती है। निजी क्षेत्र का यस बैंक लंबे समय से डूबत कर्ज (एनपीए) की समस्या से जूझ रहा है। यस बैंक कुछ समय से नई पूंजी जुटाने की भी कोशिश कर रहा था, लेकिन उसमें कामयाबी नहीं मिली। संकट के कारण इसने दिसंबर 2019 तिमाही के नतीजे भी टाल दिए थे। एनपीए के कारण बैंक की बफर पूंजी भी घट गई है।
यस बैंक के शेयर 25.77 फीसदी चढ़ गए
गुरुवार को एसबीआई कंसोर्टियम द्वारा यस बैंक के अधिग्रहण की खबरें आने के बाद शेयर बाजार में भी हलचल तेज हो गई। एसबीआई ने स्पष्टीकरण देते हुए बयान जारी किया कि अगर कोई बात हुई तो सेबी के नियमों के मुताबिक उसे सार्वजनिक किया जाएगा। यस बैंक ने कहा कि अभी तक सरकार, एसबीआई, रिजर्व बैंक या कोई अन्य रेगुलेटरी अथॉरिटी की तरफ से उसे कोई सूचना नहीं मिली है। खबर के बाद बीएसई में यस बैंक के शेयर 25.77 फीसदी चढ़ गए।
गवर्नेंस के मुद्दे पर राणा कपूर को हटाया गया था
गवर्नेंस में खामियां पाए जाने पर रिजर्व बैंक ने अगस्त 2018 में यस बैंक के सीईओ राणा कपूर से 31 जनवरी 2019 तक पद छोड़ने के लिए कहा था। नए सीईओ रवनीत गिल के आने के बाद बैंक ने ऐसे एनपीए की जानकारी दी जिन्हें पहले छिपाया गया था। इस वजह से मार्च 2019 तिमाही में बैंक को पहली बार घाटा हुआ था।
प्रमोटरों की 8.33 फीसदी है हिस्सेदारी
मुंबई में मुख्यालय वाले यस बैंक की स्थापना 2004 में हुई थी। जून 2019 में बैंक की परिसंपत्तियां 3.71 लाख करोड़ रुपये थीं। प्रमोटर मधु कपूर, यस कैपिटल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और मैग्स फिनवेस्ट की इसमें 8.33 फीसदी हिस्सेदारी है। सह-संस्थापक राणा कपूर अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच चुके हैं। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के पास यस बैंक की 15.17 फीसदी, एलआईसी के पास 8.06 फीसदी और म्यूचुअल फंडों की 5.09 फीसदी हिस्सेदारी है।