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14 May 2015

स्पेक्ट्रम लाइसेंस की अवधि बढ़ाने की याचिकाएं खारिज

गूगल

न्यायमूर्ति जे. चेलमेश्वर की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका पर सुनवाई के बाद कहा, हमें इसका औचित्य नहीं दिखता। याचिकाएं खारिज की जाती हैं। न्यायालय ने इन याचिकाओं पर फैसला आज के लिए सुरक्षित रखा था। भारती एयरटेल, आइडिया सेल्युलर, वोडाफोन मोबाइल सर्विसेज और लूप मोबाइल इंडिया ने अपनी इन याचिकाओं में स्पेक्ट्रम लाइसेंस की अवधि को 10 साल और बढ़ाए जाने की गुजारिश की थी। यह लाइसेंस उन्हें मूलत: 20 साल के लिए दिए गए थे।

सरकार ने लाइसेंस की अवधि बढ़ाने की इन कंपनियों की अर्जी नामंजूर कर दी थी। परिचालकों ने अपनी याचिका में लाइसेंस की अवधि नहीं बढ़ाने और उनके द्वारा लौटाए गए स्पेक्ट्रम को नीलाम करने के सरकार के फैसले को न्यायालय में चुनौती भी दी थी। इन कंपनियों का तर्क था कि उनके 20 साल के लाइसेंस के लिए जो नियम एवं शर्तें रखी गयीं थीं, उनके तहत इन लाइसेंसों को 10 साल के लिए बढ़ाए जाने का प्रावधान है। लेकिन सरकार ने तर्क दिया कि इन नियमों में कहा गया था कि इन लाइसेंसों को बढ़ाया जा सकता है मगर फैसला सरकार के विवेक के अधीन है।

दूरसंचार परिचालकों ने इससे पहले उन स्पेक्ट्रम की नीलामी पर स्थगन आदेश जारी किए जाने का अनुरोध किया था, जिनकी अवधि समाप्त हो गई है, लेकिन उच्चतम न्यायालय ने 23 मार्च को नीलामी पर रोक नहीं लगाने का फैसला सुनाया था, पर वह इस बात के लिए राजी हो गया था कि वह इस मामले की सुनवाई शीघ्रता से करेगा।        न्यायालय ने कंपनियों को नीलामी में शामिल होने का आदेश दिया था और कहा था कि उनके शामिल होने से लाइसेंस अवधि बढ़ाने के उनके दावे पर कोई विपरीत असर नहीं पड़ेगा।

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TAGS: सुप्रीम कोर्ट, स्पेक्ट्रम लाइसेंस, दूरसंचार, भारती एयरटेल, वोडाफोन, आइडिया सेलुलर, लूप, The Supreme Court, spectrum licenses, telecommunications, Bharti Airtel, Vodafone, Idea Cellular, Loop
OUTLOOK 14 May, 2015
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