टैगोर की योगायोग पर संगीतमय फिल्म
यह फिल्म 8 मई को रवींद्रनाथ टैगोर के 154वें जन्मदिन पर रिलीज होगी। फिल्म में अभिजात्य वर्ग की बदलती सोच, उस वक्त और मौजूदा वक्त में महिलाओं की स्थिति और शास्त्रीय परंपरा की स्थिति में आने वाले बदलाव जैसे कई सामाजिक मुद्दों को उठाने की कोशिश की गई है। यह विषय और चिंता आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं, जितनी उस वक्त हुआ करती थीं।
फिल्म में गायिका जयति चक्रवर्ती, अभिनेता-गायक साहब चटर्जी, अर्जुन चक्रवर्ती और सुवोलग्ना ने टैगोर की राग आधारित कृतियों के साथ मीरा के भजनों के लिए अपनी आवाजें दी हैं। फिल्म के निर्देशक शेखर दास ने एक समाचार एजेंसी से कहा, ‘टैगोर के दूसरे उपन्यासों की तरह ‘योगायोग’ मुख्यत: भारतीय शास्त्रीय रागों और मीरा के भजनों पर आधारित है।
‘योगायोग’ का प्रकाशन शुरू में विचित्र पत्रिका के साथ कड़ियों में हुआ था। बाद में सन 1929 में इसे किताब के रूप में ढाल दिया गया। पंडित देबज्योति, टोनी बोस ने गिटार, सरोद और पियानो पर वादन कर संगीतमय धुन की रचना की है।
पुरस्कार प्राप्त फिल्म ‘महुलबनीर सेरेंग’ का निर्देशन कर चुके दास ने कहा, ’कहानी दो परिवारों चटर्जी और घोषाल परिवार के इर्द गिर्द घूमती है। इस फिल्म में उस समय की महिलाओं की स्थिति के बारे में भी विस्तार से बताया गया है।