दिल्ली में राशन घोटाला, टेंपो और बाइक से की गई 15 क्विंटल की ढुलाई
कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (सीएजी) रिपोर्ट में दिल्ली में राशन को लेकर बड़ी गड़बड़ी का खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, बाइक और टेंपो पर अनाज ढोया गया है। एफसीआई गोदाम से राशन वितरण केंद्रों पर 1589 क्विंटल राशन की ढुलाई के लिए आठ ऐसी गाड़ियों का इस्तेमाल किया गया, जिनका रजिस्ट्रेशन नंबर बस, टेंपो और स्कूटर-बाइक का था।
विधानसभा के सदन पटल पर पेश की गई सीएजी रिपोर्ट में दिल्ली के राशन सिस्टम पर कई सवाल उठाए गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, इन आठ वाहनों से 1589.92 क्विंटल राशन पहुंचाया गया। ऐसे में क्या वाकई राशन की सप्लाई हुई? जाहिर है कि इन गाड़ियों पर इतनी बड़ी मात्रा में अनाज की ढुलाई नहीं हो सकती। रिपोर्ट के मुताबिक, 2016-17 में जिन 207 गाड़ियों को राशन ढुलाई के काम में लाया गया, उनमें 42 के रजिस्ट्रेशन ही नहीं हैं। जिसकी वजह से कैग ने अपनी रिपोर्ट में संदेह जताया है कि राशन का वितरण हुआ ही नहीं और अनाज चोरी की आशंका को नकारा नहीं जा सकता है।
बिना सत्यापन के बनाए कार्ड
सीएजी ने रिपोर्ट में कहा है कि एनएफएस कार्ड हासिल करने वालों का विभाग ने सत्यापन ही नहीं करवाया। दूसरे राज्यों के आधार कार्ड धारकों के बारे में सत्यापन किए बिना ही दिल्ली में भी उनके कार्ड बना दिए। ऐसा सिर्फ आवेदकों की घोषणा पर किया गया। सीएजी ने अप्रैस 2013 से मार्च 2017 के दौरान 70 में से 7 सर्कल के 3.10 लाख राशन कार्डों की जांच की। खाद्य विभाग ने जवाब दिया का फूड सप्लाई इंस्पेक्टर आवेदकों की ओर से दिए गए अड्रेस पर गया। सौ फीसदी सत्यापन संभव नहीं था। सीएजी ने विभाग के इस जवाब को भी संतोषजनक नहीं माना। कहा कि विभाग ने यह जांच भी नहीं की कि एक परिवार जिसके पास नौकर रखने की क्षमता है, उसे राशन स्कीम का फायदा उठाने की इजाजत कैसे दी जा सकती है।
Extract from CAG report. This is what LG trying to protect when he rejects Doorstep delivery of rations. Entire ration system in grip of mafia protected by political masters. Doorstep delivery wud hv destroyed this mafia. pic.twitter.com/ZytNFgc0XF
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) April 3, 2018
केजरीवाल का एलजी पर निशाना
केजरीवाल ने ट्वीट कर एलजी पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि घर-घर राशन की डिलीवरी की योजना को ख़ारिज कर उप-राज्यपाल इन चीज़ों को संरक्षण देने की कोशिश कर रहे हैं। पूरा राशन सिस्टम माफ़िया की जद में है, जिन्हें राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ है। घर-घर डिलीवरी से ये माफिया खत्म हो जाते।