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12 May 2017

जीईएसी ने दी जीएम सरसों की खेती को मंजूरी, आरएसएस ने जताया विरोध

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आरएसएस ने जताया विरोध

जीईएसी के इस सिफारिश के बाद आरएसएस सहित उससे जुड़े कई संगठनों ने इसका विरोध भी किया है। हालांकि अब पर्यावरण मंत्रालय को इस पर अंतिम फैसला लेना है। आरएसएस से लेकर पर्यावरण कार्यकर्ता तक ने इस पर सवाल उठाए हैं। संगठन का कहना है कि जीएम सरसों के वाणिज्यिक उपयोग को मंजूरी देने का असर कृषि से जुड़ी गतिविधियों पर पड़ेगा।

आरएसएस से जुडे स्वदेशी जागरण मंच ने भी इस कदम की आलोचना की है। वहीं, जीएम विरोधी संगठनों का तर्क है कि जीएम सरसों के वाणिज्यिक उपयोग को मंजूरी दे कर जीईएसी ने यह दोबारा सिद्ध किया है कि ये नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए हानीकारक और अवैज्ञानिक है।

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पर्यावरण कार्यकर्ता वंदना शिवा ने भी जीएम सरसों का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि यह अवैध है और इसको विकसित करने वालों ने फर्जी साइंस किया है।

क्या है जीएम फसल

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, जीएम ऑर्गेनिज्म (पौधे और जानवरों) में डीएनए को बदला जाता है, जो प्राकृतिक तरीके से होने वाली प्रजनन प्रक्रिया में संभव नहीं हो पाता है। इसी को जीएम टेक्नोलॉजी के नाम से जाना जाता है। डीएनए में बदलाव करके फसल या जानवरों को और उन्नत बनाया जा सकता है।

 

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TAGS: जीईएसी, जीएम, सरसों की खेती, मंजूरी, आरएसएस, विरोध, GEAC, approves, GM mustard, cultivation
OUTLOOK 12 May, 2017
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