घरवापसी कर फतवे का मुंहतोड़ जवाब दें एआर रहमानः विहिप
विहिप के संयुक्त महासचिव सुरेंद्र जैन ने कहा कि हिंदू लोग प्रख्यात संगीतकार का बाहें फैलाकर स्वागत करेंगे और दलील दी कि उन्होंने वाणिज्यिक कारणों को लेकर इस्लाम स्वीकार किया था। उन्होंने कहा, ‘रहमान के खिलाफ फतवा बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है और इससे कहीं दुर्भाग्यपूर्ण इसमें मौजूद बदले की भावना है। उन्होंने एक फिल्म के लिए धुन तैयार की जो किसी धर्म के आधार पर नहीं है।’
जैन ने संवाददाताओं कहा, ‘मैं रहमान से अपील करूंगा कि वह लौट आएं, उन्हें घर वापसी करनी चाहिए। हिंदू समाज अपने बेटे का इंतजार कर रहा है। हम न सिर्फ बाहें फैला कर उनका स्वागत करेंगे बल्कि यह सुनिश्चित भी करेंगे कि उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचे, चाहे कितने भी फतवा क्यों न जारी हो जाए।’ घर वापसी एक विवादास्पद कार्यक्रम है जिसे कुछ खास हिंदू संगठन चला रहे हैं जिसका लक्ष्य मुसलमानों और ईसाइयों को हिंदू धर्म में वापस लाना है।
ईरानी निर्देशक माजिद माजिदी ने फिल्म मुहम्मद : मैसेंजर ऑफ गॉड का निर्देशन किया है। मुंबई की राजा अकादमी ने फिल्म पर एतराज जताया और ऑस्कर विजेता रहमान तथा मजीदी के खिलाफ फतवा जारी करते हुए इस फिल्म को इस्लाम के खिलाफ बताया। रहमान ने कहा है कि उन्होंने इसकी धुन नेक नीयत से बनाई और किसी को आहत करने का इरादा नहीं था।
विहिप ने केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा के उस बयान का भी समर्थन किया जिसके तहत उन्होंने कहा था कि रामायण, महाभारत और गीता जैसे हिंदू धर्म ग्रंथों को स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि समाज में मूल्यों को बहाल करने के लिए और अपराध को रोकने के लिए नैतिक शिक्षा पढ़ाना जरूरी है। अन्य धर्मों के पवित्र ग्रंथों के बारे में पूछे जाने पर जैन ने कहा कि यह देखा जाना चाहिए कि क्या वे भी हिंदू पुस्तकों की तरह मूल्यों को तरजीह देते हैं।