मोदी ने जवानों के साथ मनाई दिवाली, बोले ओआरओपी का वाद किया पूरा
पीएम मोदी ने आज किन्नौर के सुमदो में सेना एवं आईटीबीपी के कर्मियों के साथ दिवाली मनाते हुए देश की रक्षा एवं हिफाजत करने के लिए सुरक्षा बलों की सराहना की। यह स्थान हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से 370 किलोमीटर से अधिक दूरी पर है। इस अवसर पर मोदी ने कहा कि ओआरओपी के क्रियान्वयन के लिए 5,500 करोड़ रूपये की पहली किस्त का भुगतान कर पूर्व सैनिकों से किए गए वादे को उन्होंने पूरा कर दिया। उन्होंने कहा कि यह मामला 40 वर्षों से लटका पड़ा था क्योंकि पिछली सरकारों में कुछ लोगों को ओआरओपी के बारे में पता नहीं था तथा ऐसे में इस मकसद के लिए सिर्फ 500 करोड़ रूपये आवंटित किए गए थे। मोदी ने यह भी कहा कि कई लोगों को यह लगा कि यदि योजना लागू नहीं की गई तो पूर्व सैनिकों का एक तबका सरकार के खिलाफ हो जाएगा। मोदी ने ट्वीट कर कहा, हमारे साहसी आईटीबीपी अधिकारियों एवं सेना के जवानों के साथ सुमदो, किन्नौर जिला, हिमाचल प्रदेश में समय बिताया। जय जवान, जय हिंद।
पीएम मोदी ने पाकिस्तान के साथ तनाव के बीच जवानों के साहस और बलिदान की प्रशंसा भी की। इससे पहले, आकाशवाणी पर अपने मन की बात कार्यक्रम में मोदी ने सशस्त्र बलों की बहादुरी का सम्मान करते हुए उन्हें आज का दिवाली पर्व समर्पित करते हुए उनके बलिदान की सराहना की। मोदी ने सुमदो से जाते समय हिमाचल के चांगो गांव में नागरिकों से मुलाकात की। यह गांव चीन-भारत सीमा के पास है। मोदी ने ट्वीट किया, बगैर किसी तय कार्यक्रम के सुमदो के पास चांगो गांव में रूका ताकि लोगों को दिवाली की शुभकामनाएं दे सकूं। उनकी अगवानी और उनकी खुशी दिल को छू गई। एक अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री ने आईटीबीपी जवानों और सेना के डोगरा स्कॉट के कर्मियों के साथ किन्नौर एवं स्पिति की सीमा पर वक्त बिताया तथा उन्हें मिठाइयां बांटी। अधिकारी ने बताया कि मोदी ने सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की शाखा जनरल रिजर्व इंजीनियरिंग फोर्स (जीआरईएफ) के कर्मियों से भी मुलाकात की। गौरतलब है कि साल 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी ने अपनी पहली दिवाली सियाचिन में तैनात सैनिकों के साथ मनाई और 2015 में पंजाब में भारत पाक-सीमा पर यह त्योहार मनाया था।