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14 October 2016

राजनाथ बोले, देश हमारा सहिष्णुता का विश्वविद्यालय

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सिंह ने कहा कि ईसाई धर्म भारत में करीब 2000 साल पहले आया और केरल में सेंट थाॅमस चर्च है, जो दुनिया के सबसे पुराने गिरिजाघरों में से एक है। उन्होंने कहा कि भारत सेंट थाॅमस से लेकर मदर टेरेसा तक ईसाइयाें के योगदान को नहीं भुला सकता, जिन्होंने हमारे समाज से बुराइयों को खत्म करने की कोशिश की।

उन्होंने कहा, दिल्ली में गिरिजाघराें पर हमले की घटनाएं हुईं, जो दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले हुई थी। लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि चुनाव के पहले या बाद में धार्मिक उत्पीड़न की भारत में कभी भी इजाजत नहीं दी जाएगी। उन्हाेंने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत ने एक पंथनिरपेक्ष देश रहने का विकल्प चुना जबकि पाकिस्तान ने खुद को एक धर्म का देश घोषित किया।

सिंह ने कहा, 1947 में भारत का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ और इसके बावजूद इसने एक पंथनिरपेक्ष देश रहने का विकल्प चुना। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने धार्मिक आधार पर अपना गठन किया। यह देश आतंकवाद को अपनी राजकीय नीति के रूप में इस्तेमाल करता है।

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उन्होंने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ देशाें ने आतंकवाद को राजकीय नीति बना लिया है। लोगों के बीच मतभेद हो सकता है जिन्हें वार्ता के जरिए दूर किया जा सकता है लेकिन बंदूक उठा कर नहीं। सिंह ने कहा कि एक आतंकवादी की कोई जाति, पंथ या धर्म नहीं होता।

उन्होंने कहा, न सिर्फ भारत बल्कि दुनिया में कई देश आतंकवाद से प्रभावित हैं। एक आतंकवादी तो आतंकवादी है जो किसी जाति, पंथ या धर्म से जुड़ा नहीं होता। हालांकि, कुछ लोग आतंकवाद को धर्म से जोड़ते हैं लेकिन यह गलत है। गृहमंत्री ने कहा कि भारत में सभी धर्मों के लोगों का आदर होता है और यह एकमात्र देश है, जहां इस्लाम के सभी पंथ पाए जाते हैं। उन्होंने कहा, भारत में सभी प्रमुख धर्मों को जगह मिली हुई है।

बैठक में भाजपा सांसद एवं आॅल इंडिया कंफेडरेशन आॅफ एससी : एसटी संगठन के राष्‍ट्रीय अध्यक्ष उदित राज और गुड शेफर्ड चर्च, भारत के माॅडरेटर बिशप एवं आॅल इंडिया किश्चियन काउंसिल के अध्यक्ष जोसेफ डीसूजा भी शरीक हुए। डीसूजा ने ईसाई समुदाय से सरकार के साथ खड़ा रहने और आतंकवाद के खिलाफ इसका समर्थन करने को कहा।

काउंसिल ने सिंह से राज्य सरकारों और पुलिस को एक पत्र भेजने को कहा ताकि ईसाइयों एवं उनके उपासना स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। भारत के उदार स्वभाव का जिक्र करते हुए गृहमंत्री ने कहा, हम दूसराें पर अपने विचार नहीं थोपते। ईश्वर एक है, उनकी परिभाषाएं कई हो सकती हैं।

सिंह ने कहा कि सेंट थाॅमस, भगिनी निवेदिता, भीकाजी कामा से लेकर मदर टेरेसा तक सभी को भारत में सम्मान मिला है। यदि भारत सहिष्णुता का विश्वविद्यालय नहीं होता तो इन लोगाें ने इतना ज्यादा सम्मान नहीं पाया होता। गृहमंत्री ने कहा कि भारत में कई चुनौतियां हैं जिनका हल सभी के समर्थन से हो सकता है। शिक्षा एक उदाहरण है। भारतीय संविधान धार्मिक अल्पसंख्यकाें को अपना खुद का शैक्षणिक संस्थान चलाने की इजाजत देता है। सिंह ने कहा कि भारत वसुधैव कुटुंबकम में यकीन रखता है। उन्होंने कहा कि न सिर्फ भारत के लोग बल्कि दुनिया भर के लोग एक ही परिवार का हिस्सा हैं। वसुधैव कुटुंबकम शब्द भारत ने ही दुनिया को दिया है। भाषा एजेंसी 

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TAGS: गृहमंत्री, राजनाथ सिंह, सहिष्णुता, विश्वविद्यालय, धार्मिक उत्पीड़न, देश, भारत, india, home minister, university, tolerance, rajnath singh
OUTLOOK 14 October, 2016
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