गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भारत को सहिष्णुता का विश्वविद्यालय बताते हुए शुक्रवार को कहा कि देश में धार्मिक उत्पीड़न की इजाजत कभी नहीं दी जाएगी। सिंह ने दिल्ली में इंडिया क्रिश्चियन काउंसिल द्वारा आयोजित एक बैठक में कहा, शांतिपूर्ण सहअस्तित्व के लिए सहिष्णुता आवश्यक है। भारत में सभी धर्मों के लोग शांतिपूर्ण तरीके से रहते हैं और भेदभाव के बगैर अपने धार्मिक नियमों का पालन करते हैं। यही कारण है कि भारत सहिष्णुता का विश्वविद्यालय है।
देश में सहिष्णुता को लेकर चल रही बहस के बीच राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने कहा है कि बहुलवाद और सहिष्णुता ही हमारी सभ्यता की पहचान है। भारत की विविधता ही उसकी मजबूती है। राष्ट्रपति आज नई दिल्ली में मध्य प्रदेश फाउंडेशन और अर्जुन सिंह सद्भावना फाउंडेशन द्वारा पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन सिंह के सम्मान में आयोजित स्मृति व्याख्यान को संबोधित कर रहे थे।
बिहार चुनाव के नतीजे आने का बाद सोशल मीडिया पर इन दिनों एक कविता काफी प्रसारित हो रही है। इस कविता में कहा जा रहा है कि अब कहीं से भी गोमांस, सम्मान वापसी, अरहर दाल की बढ़ती कीमतों को लेकर कोई बयान नहीं आ रहा है। यह सवाल खड़ा होता है कि क्या ऐसा सहिष्णुता की वजह से है या ऐसा बिहार का चुनाव खत्म हो जाने की वजह से है। स्पष्ट तौर पर यह आरोप लगता रहा है कि लेखकों, कलाकारों और वैज्ञानिकों द्वारा जो पुरस्कार लौटाए जा रहे थे वह बिहार चुनावों को प्रभावित करने की एक पूर्वनियोजित साजिश थी। इस संबंध में आरएसएस का मानना है कि पुरस्कार वापसी की मुहीम राजनीतिक ताकतों के हित में बहुत सलीके से संयोजित की गई थी। केंद्रीय मंत्री जनरल वी के सिंह ने तो यहां तक कहने में भी गुरेज नहीं किया कि पुरस्कार वापसी के इस मुहिम में बहुत ज्यादा पैसा सम्मिलित था। जो कुछ भी हुआ, यह उसकी पूरी तरह से एक प्रायोजित और विकृत व्याख्या है।
देश में अल्पसंख्यक समुदाय पर हमले की घटनाओं के बीच मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने धार्मिक कट्टरता के ख़िलाफ़ एक लंबा भाषण दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली के विज्ञान भवन में हुए एक राष्ट्रीय समारोह में अपने विचार व्यक्त किये।