उपहार कांड: भारत से बाहर नहीं जाएंगे अंसल बंधु
न्यायमूर्ति जगदीश सिंह खेहड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने अंसल बंधुओं के वकील से कहा कि वह आश्वासन दें कि इस मामले में पुनर्विचार याचिका पर शीर्ष अदालत में सुनवाई होने तक उनके मुवक्किल देश से बाहर नहीं जाएंगे। एसोसिएशन आफ उपहार ट्रेजडी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता के टीएस तुलसी ने कहा कि अंसल बंधु देश से भाग सकते हैं। इसलिए उन्हें भारत से बाहर जाने से रोकने के लिए आदेश दिया जाए। इसी के बाद न्यायालय ने यह आश्वासन मांगा जो अंसल बंधुओं की ओर से उनके वकील ने दिया।
शीर्ष अदालत ने 2015 में कहा था कि यदि अंसल बंधु इस मामले में तीस-तीस करोड रुपये का जुर्माना अदा करने में विफल रहे तो उन्हें दो साल की कैद भुगतनी होगी। इससे पहले, उपहार कांड पीड़ितों के संगठन ने प्रधान न्यायाधीश तीरथ सिंह ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष अपनी पुनर्विचार याचिका का उल्लेख करते हुए इस पर शीघ्र सुनवाई का अनुरोध किया था। इस पर प्रधान न्यायाधीश ने कहा था कि सीबीआई और इस संगठन की पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई के लिए नई पीठ गठित की जाएगी।
इस साल के शुरू में न्यायमूर्ति एआर दवे की अध्यक्षता वाली पीठ ने 2015 के फैसले पर पुनर्विचार के लिए सीबीआई और एसोसिएशन की याचिकाओं पर खुले न्यायालय में सुनवाई की थी। शीर्ष अदालत के फैसले के बाद अंसल बंधुओं ने यह राशि जमा करा दी थी।
लेकिन इसी बीच, उपहार मामले की सुनवाई करने वाली पीठ की अध्यक्षता कर रहे न्यायमूर्ति दवे 18 नवंबर को सेवानिवृत्त हो गए। दक्षिण दिल्ली के ग्रीन पार्क इलाके में स्थित उपहार सिनेमा में 13 जून, 1997 को बार्डर फिल्म के प्रदर्शन के दौरान अग्निकांड में 59 व्यक्तियों की मृत्यु हो गई थी जबकि सौ से अधिक लोग जख्मी हो गए थे। (एजेंसी)