दिल्ली उच्च न्यायालय ने 1997 के उपहार अग्निकांड मामले में रियल एस्टेट कारोबारियों सुशील एवं गोपाल अंसल के खिलाफ सबूतों से छेड़छाड़ करने के आरोप तय करने संबंधी एक निचली अदालत के आदेश को आज बरकरार रखा।
उपहार अग्निकांड मामले में उच्चतम न्यायालय ने रियल एस्टेट कारोबारी गोपाल अंसल की वह याचिका आज खारिज कर दी जिसमें उन्होंने अपने भाई सुशील अंसल की तरह सजा में रियायत देने का अनुरोध किया था। गोपाल अंसल को अब एक साल की सजा में से बची हुई अवधि जेल में भुगतने के लिए समर्पण करना होगा। न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति कुरियन जोसफ और न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने कहा, गोपाल अंसल की याचिका खारिज की जाती है।
रियल इस्टेट कंपनी के मालिक गोपाल अंसल को एक बार फिर आज सुप्रीम कोर्ट से तत्काल राहत नहीं मिली। न्यायालय ने कहा कि वह उपहार अग्निकांड मामले में छह मार्च को उनकी अपील पर सुनवाई करेगा।
उच्चतम न्यायालय ने वर्ष 1997 में हुए उपहार अग्निकांड मामले के संबंध में रियल एस्टेट दिग्गज गोपाल अंसल को एक साल कारावास की सजा सुनाई। इस त्रासदीपूर्ण घटना में 59 लोग मारे गए थे।
दिल्ली के उपहार सिनेमा हादसे में सुप्रीम कोर्ट ने गोपाल अंसल को एक साल की जेल की सजा सुनाई है। उनके पास सरेंडर करने के लिए चार हफ्ते का वक्त है। एक साल की जेल के वक्त में से गोपाल चार महीने की जेल पहले ही काट चुका है। गोपाल के भाई सुशील अंसल को उनकी उम्र की वजह से जेल नहीं भेजा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला नवंबर 2015 में दिए गए फैसले पर डाली गई रिव्यू पिटिशन की सुनवाई करते हुए दिया है।
रियल इस्टेट कारोबारी सुशील और गोपाल अंसल ने आज सुप्रीम कोर्ट को भरोसा दिलाया कि 1997 के उपहार कांड के पीड़ितों के संगठन की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई शुरू होने तक वे भारत से बाहर नहीं जाएंगे। उपहार अग्निकांड के पीडितों के संगठन ने 2015 के न्यायालय के फैसले पर पुनर्विचार के लिए याचिका दायर कर रखी है।