गोपाल ने न्यायालय से यह राहत मांगी कि उन्हें 1997 के अग्निकांड के सिलसिले में अपने बड़े भाई सुशील अंसल की ही तरह एक साल की जेल की सजा ना काटने को कहा जाए। अग्निकांड में 59 लोग मारे गए थे।
गोपाल की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री ने उनकी याचिका लंबित है जिसके बाद प्रधान न्यायाधीश जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि आप अपील दायर करें। अगर कोई आपत्ति नहीं हुई तो इसपर सोमवार को सुनवाई की जाएगी।
जेठमलानी ने साथ ही राहत मांगी कि गोपाल को उनकी याचिका पर सुनवाई होने तक जेल के समक्ष आत्मसमर्पण ना करने की छूट मिले। पीठ में न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और एसके कौल भी शामिल हैं।
पीठ ने कहा कि इसे बढ़ाया नहीं जा सकता। हम यह नहीं कह सकते कि उन्हें इस दौरान आत्मसमर्पण करने की जरूरत नहीं है। गत नौ फरवरी को पीठ ने बढ़ती उम्र के साथ होने वाली स्वास्थ्य तकलीफों को ध्यान में रखते हुए 2:। के बहुमत से सुनाए गए फैसले में 76 साल के सुशील को राहत दी थी लेकिन उनके छोटे भाई गोपाल से 20 साल पुराने उपहार अग्निकांड मामले में बाकी बची एक साल की सजा काटने के लिए चार हफ्ते के भीतर आत्मसमर्पण करने को कहा था। (एजेंसी)