पूर्व सैनिक साबित करें, आंदोलन राजनीतिक रूप से प्रेरित नहीं :पर्रिकर
रक्षा मंत्री से यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार के ओआरओपी योजना पर प्रतिक्रिया एवं अधिसूचना के बावजूद जारी आंदोलन के पीछे उन्हें कोई राजनीतिक संबंध दिखता है, उन्होंने कहा, मैं कुछ कहूंगा तो यह आरोप बन जाएगा। उन्हें साबित करने दीजिए कि यह राजनीतिक नहीं हैं। रक्षा मंत्री ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा, मेडल सशस्त्र बलों के बलिदानों के लिए राष्ट्र द्वारा दिया जाने वाला सम्मान है। उन्हें जलाना या लौटाना राष्ट्र और रक्षा बलों का अपमान है। दरअसल हाल ही में सरकार द्वारा जारी की गई ओआरओपी अधिसूचना से असंतुष्ट पूर्व सैन्यकर्मियों के इसके विरोध के बाद रक्षा मंत्री की यह टिप्पणी आई है।
सरकार ने 7 नवंबर को देश के 24 लाख से अधिक पूर्व सैनिकों और छह लाख शहीदों की पत्नियों के लिए ओआरओपी योजना औपचारिक रूप से अधिसूचित की थी। पर्रिकर ने कहा, मेडल बहादुरी, देश सेवा के लिए दिया जाने वाला सम्मान है। इसका कामकाज की स्थिति से कोई लेना देना नहीं है जबकि ओआरओपी कामकाज की स्थिति से जुड़ा है। यह ऐसा नहीं कहता कि आप मेडल के हकदार हैं, यह आपके वेतन और भत्ते जैसी कामकाज की स्थितियों की बात करता है। पर्रिकर ने अांदोलनकारी पूर्व सैनिकों की शिकायतों के मुद्दे पर कहा, उन्हें न्यायिक समिति के सामने मांगे रखने दीजिए, वे उनपर ध्यान देंगे। उन्होंने कहा कि ओआरओपी का कार्यान्वयन भाजपा का चुनावी वादा था जिसे पूरा किया गया है।
इससे पहले रक्षा मंत्री ने चेन्नई से करीब 85 किलोमीटर दूर यहां आईएनएस रजाली नौसेना वायु स्टेशन पर बोइंग पी8आई लॉंग रेंज मेरीटाइम गश्ती विमान बेड़े के पहले चरण का उद्घाटन किया। अगले चरण में इस तरह के चार और विमान शामिल किए जाएंगे जिनसे यह 12 अत्याधुनिक निगरानी विमानों का बेड़ा बन जाएगा। आठ पी8आई विमान शामिल करने और विमान के उपकरण का परीक्षण और सभी आठ विमानों के चालक दल के प्रशिक्षण के साथ पहले चरण की शुरुआत हुई। समारोह में नौसेना प्रमुख आर के धोवन, पूर्वी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ वाइस एडमिरल सतीश सोनी और नौसेना एवं नागरिक प्रशासन के दूसरे वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।