Advertisement
07 December 2016

वकील इंदिरा जयसिंह के एनजीओ का लाइसेंस स्थायी तौर पर रद्द

गूगल

अपने आदेश में गृह मंत्रालय ने दावा किया कि लॉयर्स कलेक्टिव द्वारा सरकार के समक्ष दाखिल अपने रिटर्न में जो विदेशी चंदे का हवाला दिया गया है उसमें अनियमितताएं हैं। आदेश में कहा गया है कि पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के तहत अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल जयसिंह ने सरकारी सेवक रहने के दौरान साल 2006-07 और 2013-14 के बीच विदेशी चंदा हासिल कर विदेशी चंदा नियमन कानून का उल्लंघन किया। सरकार के कदम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एनजीओ ने एक वक्तव्य जारी करते हुए आश्चर्य जताया कि कैसे कोई आदेश रविवार को जारी किया जा सकता है जब सारे सरकारी दफ्तर बंद होते हैं। वक्तव्य में कहा गया, लॉयर्स कलेक्टिव को 27 नवंबर 2016 का एक आदेश मुंबई में उसके पंजीकृत कार्यालय पर मिला है जिसमें विदेशी चंदा हासिल करने के लिए उसके पंजीकरण को रद्द कर दिया गया है।

संस्था के वक्तव्य में कहा गया, रद्द करने का आदेश इस आधार पर दिया गया है कि एलजी ने कथित तौर पर अपने पंजीकरण प्रमाणपत्र की शर्तों, एफसीआरए के प्रावधानों का उल्लंघन किया और सबसे महत्वपूर्ण बात है कि जनहित के खिलाफ काम किया। वक्तव्य में कहा गया कि सबसे विचित्र बात यह है कि आदेश रविवार को पारित किया गया जब सरकारी दफ्तर बंद रहते हैं। जून में लॉयर्स कलेक्टिव का लाइसेंस नरेंद्र मोदी सरकार ने एफसीआरए का कथित तौर पर उल्लंघन करने के लिए निलंबित कर दिया था। उसपर धन का रैलियों, राजनैतिक रंग वाले धरनों में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया था। इस आरोप का संगठन ने खंडन किया था और इसे प्रतिशोध का कृत्य बताया था।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: मशहूर वकील, इंदिरा जयसिंह, एनजीओ, लॉयर्स कलेक्टिव, लाइसेंस, केंद्र सरकार, गृह मंत्रालय, एफसीआरए, संविधान, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार, Famous Advocate, Indira Jaisingh, NGO, Lawyers Collective, Licence, Central Government, Home Ministry, FCRA, Constitution, Righ
OUTLOOK 07 December, 2016
Advertisement