आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने पर नरीमन ने उठाये सवाल
उत्तर प्रदेश में चुनावों के बाद के घटनाक्रम के संदर्भ में नरीमन ने कहा कि संविधान खतरे में है और जो आदित्यनाथ की नियुक्ति के पीछे की मंशा नहीं समझ पा रहे, वे या तो राजनीतिक दलों के प्रवक्ता हैं या उन्हें अपने दिमाग और आंखों की जांच करानी चाहिए।
उन्होंने एनडीटीवी को दिये इंटरव्यू में कहा, प्रधानमंत्री इससे इनकार कर सकते हैं लेकिन मेरा मानना है कि किसी खास व्यक्ति को मुख्यमंत्री नियुक्त करना अपने आप में संकेत है कि वह एक धार्मिक राष्ट्र बनाना चाहते हैं। नरीमन ने कहा, क्या यह हिंदू राष्ट्र बनने की शुरुआत है, प्रधानमंत्री से यह पूछा जाना चाहिए ताकि लोग इस बारे में जान सकें कि उन्हें किस स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए।
जब उनसे पूछा गया कि नागरिकों के किन अधिकारों को लेकर वह चिंतित हैं या कौन से अधिकार खतरे में हैं, जवाब में नरीमन ने कहा, संविधान खतरे में है। उत्तर प्रदेश में बड़ी चुनावी जीत के बाद एक महंत को प्रधानमंत्री के कहने पर मुख्यमंत्री बना दिया गया। यह एक संकेत है और यदि आप इसे देख नहीं पा रहे तो या तो आप राजनीतिक दलों के प्रवक्ता हैं या आपको अपने दिमाग और आंखों की जांच करानी चाहिए।
नरीमन ने प्रधानमंत्री को अत्यंत ऊर्जावान बताते हुए उनकी तारीफ की लेकिन साथ ही कहा कि वह प्रधानमंत्री की सभी नीतियों को स्वीकार नहीं करते। उन्होंने कहा, आपको प्रधानमंत्री की यह बात माननी होगी। वह काफी हद तक स्पष्टवादी हैं। वह शब्दों को तोड़ तोड़कर नहीं बोलते और उनकी ऊर्जा विलक्षण और असाधारण है। मैंने ऐसा व्यक्ति नहीं देखा। लेकिन मैं प्रधानमंत्री की सारी नीतियों को स्वीकार नहीं करता।