टीवी पर भी सेंसर के पक्ष में निहलानी
केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड या कहें सेंसर बोर्ड के नए अध्यक्ष पहलाज निहलानी की नियुक्ति के बाद से ही उनके बयान विवाद खड़े कर रहे हैं। खुद को खुलेआम मोदी और भाजपा समर्थक घोषित करने तक तो फिर भी गनीमत थी मगर जब यह तथ्य सामने आया कि वह विवादास्पद धर्गगुरु गुरमीत राम रहीम सिंह के अनुयायी भी हैं तब तो हंगामा होना ही था। दरअसल सेंसर बोर्ड से लीला सैमसन तथा 9 अन्य सदस्यों के इस्तीफे के पीछे राम रहीम की फिल्म मैसेंजर ऑफ गॉड को मंजूरी देने और नहीं देने का मसला था। इसलिए जब यह तथ्य सामने आया कि निहलानी राम रहीम के अनुयायी हैं तो यह सवाल उठना लाजमी था कि कहीं इस नियुक्ति में उनका हाथ ही तो नहीं है।
इस बीच निहलानी ने एक और बयान दे डाला। उन्होंने कहा कि टीवी तथा इंटरनेट पर अश्लील सामग्री की भरमार है और इसपर अंकुश लगाने का प्रयास भी होना चाहिए। गौरतलब है कि फिल्म की तरह टीवी की सामग्री पर अंकुश की कोई व्यवस्था नहीं है और टीवी प्रसारक स्व नियंत्रण के पक्षधर हैं। इसलिए जब निहलानी ने टीवी पर अश्लील सामग्री का मुद्दा उठाया तो यह स्वाभाविक सवाल उठ खड़ा हुआ है कि क्या वह टीवी को भी सेंसर बोर्ड के दायरे में लाना चाहते हैं। हालांकि सरकार ने अबतक इस सुझाव पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है मगर सरकार से निहलानी की नजदीकी को देखते हुए भविष्य के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। इतना तय है कि सेंसर बोर्ड के नए अध्यक्ष प्रति दिन मीडिया को कुछ न कुछ मसाला दे ही रहे हैं।