मैं न डरा हूं और न टूटा हूं : लालू प्रसाद
तीस सितंबर 2013 को जब राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले के एक मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद रांची के होटवार केंद्रीय कारागार में ले जाए जा रहे थे, तो उन्होंने कहा था कि न्यायपालिका पर उन्हें पूरा भरोसा है। वह जल्दी ही इस मामले में भी बेदाग साबित होंगे। पूरे छिहत्तर दिन बाद जब वह उच्चतम न्यायालय द्वारा जमानत दिए जाने के बाद सोलह दिसंबर को जेल से बाहर निकले, तो उन्होंने फिर वही बात दुहराई। जेल से निकलने और पटना पहुंचने के दौरान लालू के प्रति उमड़ी सहानुभूति यदि कोई संकेत है, तो बिहार में नीतीश और भाजपा के माथे पर चिंता की लकीरें पडऩी स्वाभाविक हैं। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी के बारे में लालू कहते हैं कि यह कांग्रेस को तय करना है। लेकिन ऐसे संकेत मिलने लगे हैं कि बिहार में राजद, कांग्रेस और लोजपा मिलकर चुनाव लड़ेगे जो कि नीतीश कुमार के सामने बड़ी चुनौती होगी। पेश है लालू यादव से आउटलुक के लिए बातचीत-
कहा जा रहा है कि जेल प्रवास ने आपको कमजोर किया है?
यह एकदम गलत है। मुझे कोई डिगा नहीं सकता। हम न डरे हैं और न ही टूटे हैं। जेल तो भगवान कृष्ण की जन्मभूमि है। कृष्ण ने ही कंस का वध किया था। भाग्यशाली लोग ही जेल में आते हैं। हम कभी भी विचलित नहीं हुए। जेल में रहने के दौरान पार्टी के नेताओं, कार्यकर्ताओं और जनता का अपार स्नेह मिला। इसके लिए मैं उनका आभारी हूं।
आप अब सांसद नहीं हैं। क्या होगी आपकी भावी रणनीति?
सांसद नहीं हैं तो क्या हुआ। संसद में नहीं, जन संसद में जाएंगे। हमारी संसद तो गांव-जवार की जनता है। गरीब, शोषित और उपेक्षित जनता से साथ गांवों में, चौपालों में और खेत-खलिहानों में संसद लगाएंगे। वहीं मुद्दे तय होंगे और देश भर में फैलेंगे। बहुत जल्द बिहार में विशाल रैली करेंगे। एक दिन चैन से नहीं बैठेंगे।
विरोधियों से निबटने के लिए आपकी रणनीति क्या होगी?
हम सांप्रदायिक ताकतों को नेस्तनाबूद कर देंगे। दिल्ली पर किसी कीमत पर सांप्रदायिक ताकतें हावी नहीं होंगी। अब हम फ्री हो गए हैं। सभी धर्मनिरपेक्ष दलों को एकसाथ लेकर चलेंगे। हम भगवान कृष्ण का नाम लेकर आए थे और भगवान कृष्ण का नाम लेकर जा रहे हैं। इतना जरूर कह रहे हैं कि हस्तिनापुर किसी को छूने नहीं देंगे। मैंने बिहार में साम्प्रदायिकता के घोड़े को रोका था। इस बार भी हम ही इस घोड़े को रोकेंगे। जनता का सहयोग रहा, तो अगले लोकसभा चुनाव में एेसी ताकतों को धूल चटा देंगे।
नरेंद्र मोदी पूरे देश में रैली कर रहे हैं। उनकी लोकप्रियता के बारे में आप क्या सोचते हैं?
नरेंद्र मोदी कोई मोदी नहीं हैं। वह सांप्रदायिक ताकतों के नेता हैं। द्वारका हमारी है। इसे कोई छू नहीं सकता। अब मैं बाहर आ गया हूं। पूरा देश घूमकर फिरकापरस्तों को उखाड़ फेकेंगे।
हाल में चार राज्यों में हुए चुनाव में कांग्रेस बुरी तरह पराजित हुई। आपकी क्या प्रतिक्रिया है?
चुनाव में हार-जीत तो लगी ही रहती है। इससे राजनीति पर कोई असर नहीं पड़ता है। हमारी राजनीति तो सांप्रदायिक ताकतों को समूल नष्ट करने की है।
चारा घोटाले के मामले में आपको सजा सुनाई गई है। आपकी क्या प्रतिक्रिया है?
हम इस पर कुछ नहीं कहेंगे। हमें न्यायालय और न्यायपालिक पर पूरा भरोसा है। हमें साजिश के तहत फंसाया गया है। सीबीआइ ने एनडीए के शासन में साजिश रची।
बिहार की नीतीश सरकार के बारे में क्या कहेंगे?
नीतीश कुमार के नेता लालकृष्ण आडवाणी हैं। एक समय था जब मैंने नीतीश को नेता बनाया। आज आडवाणी उनके नेता हो गए हैं। बिहार में नीतीश कोई फैक्टर नहीं है। बिहार की जनता जदयू और भाजपा से त्रस्त हो चुकी है। नीतीश कुमार विकास की बात कर रहे हैं, जबकि चारों तरफ अपराध हो रहा है। शराब की गंगा बहायी जा रही है।