दादरी कांड के जिम्मेदार थे भाजपा के तीन लोग: मुलायम
सपा प्रमुख ने पिछले साल दादरी के बिसाहड़ा में गोमांस खाने के अफवाह पर भीड़ द्वारा अखलाक नामक व्यक्ति की हत्या के लिए भाजपा के तीन नेताओं को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि अगर प्रधानमंत्री कहें तो वह उन तीनों के नाम बताने को तैयार हैं। यादव ने दादरी काण्ड का जिक्र करते हुए कहा, जिसका लड़का फौज में सीमा पर था, फायरिंग का मुकाबला कर रहा था, उसके बाप की हत्या कर दी गई। हत्या करने वाले कौन थे, मैंने तीन नाम लिए, तीनों नाम भाजपा से संबंधित थे। हमने कहा कि अगर प्रधानमंत्री कह दें तो हम तीनों नाम भी बता देंगे। मुलायम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान बड़े-बड़े वादे किए गए थे लेकिन उनमें से एक भी पूरा नहीं हुआ। सीमा से चीन का कब्जा हटाने की बात कही गई थी लेकिन प्रधानमंत्री जब चीन के प्रधानमंत्री से हाथ मिला रहे थे, तभी उनकी सेना भारतीय सीमा में घुस रही थी। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने अपना एक भी वादा पूरा नहीं किया, चाहे सीमाओं की सुरक्षा की बात हो, चाहे भेदभाव खत्म करने की या किसानों और व्यापारियों के भले की बात हो। कम से कम वह वादे पूरे करने की शुरुआत तो करते।
सपा मुखिया ने लखनऊ में समाजवादी युवा सम्मेलन में बुधवार को कहा कि वर्ष 2012 में जब सपा प्रचंड बहुमत में आई और उन्होंने खुद सत्ता संभालने के बजाय अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाया तब करीब 15 दिन तक पार्टी के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता निराश दिखे थे। उन्होंने कहा, वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने हमसे कहा कि हमने तो चुनाव में आपके नाम पर वोट मांगे थे। सोचा था कि आप ही मुख्यमंत्री बनेंगे। इस पर हमने कहा कि ताकि आपके साथ ज्यादा समय बिता सकें और अगर सरकार कुछ गलत करेगी तो उस पर नकेल कस सकें। सपा मुखिया ने अपने बेटे के कार्यकाल की तारीफ करते हुए कहा, हमें उम्मीद नहीं थी कि अखिलेश इतना अच्छा काम करेंगे। अखिलेश की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा मेट्रो रेल हमारे चुनाव घोषणापत्र का हिस्सा नहीं था। जब अखिलेश ने इसे बनाने के लिए कहा तो हमने कहा कि पहले गरीबों का उत्थान कर लो, लेकिन फिर हमने कहा कि अगर बनाना शुरू कर दिया है तो चुनाव से पहले ही बना दो। अखिलेश ने गरीबों के लिए भी अनेक योजनाएं चलाई हैं।
यादव ने युवा कार्यकर्ताओं से कहा कि समाजवादी आंदोलन को अगर मजबूत करना है तो वह लोकभाषा, लोकभूषा और लोकभोजन को अपनाएं और समाजवादी आंदोलन को सफल बनाएं। उन्होंने युवाओं को प्रेरित करने के लिए अपने राजनीतिक संघर्ष के विभिन्न पहलुओं और संस्मरणों का जिक्र किया और कहा कि अपनी छवि ऐसी बनाओ कि जनता प्यार करने लगे। उन्होंने समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर का जिक्र करते हुए कहा कि ठाकुर जब गांवों में जाते थे तो गरीब के घर में ठहरते थे लेकिन आज के युवा नेताओं में यह आदर्श नहीं पाया जाता। वे गांव के सबसे अमीर और साधन संपन्न व्यक्ति के घर में ठहरते हैं। ऐसे बड़ा नेता नहीं बना जाता। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश ने पार्टी के चुनाव घोषणापत्र में लिखे सभी वादे पूरे कर दिए हैं। इससे देश में उत्तर प्रदेश की अलग छवि बनी है। उन्होंने युवाओं से प्रदेश में पार्टी की एक बार फिर सरकार बनवाने का वादा लेते हुए कहा कि अगर इतने अच्छे काम करने के बाद भी दोबारा सरकार नहीं बनी तो फिर कभी नहीं बनेगी। यादव ने पार्टी के नेता धर्मानन्द तिवारी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि भी दी।