Advertisement
02 November 2015

दिल से चार्ज होंगे पेसमेकर

गूगल

अमेरिका के बफेलो विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड अप्लाइड साइंसेज में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के सहायक प्रोफेसर और शोध के नेतृत्वकर्ता एम अमीन करामी ने कहा, हम ऐसी तकनीक बना रहे हैं, जिसके जरिए पेसमेकरों को उसी दिल से ऊर्जा मिल जाएगी, जिसे वह नियंत्रित कर रहे हैं।

शोधकर्ताओं ने कहा कि यह तकनीक उन चिकित्सीय जोखिमों, लागतों और असुविधाओं को खत्म कर सकती है, जो विश्वभर के लाखों लोगों को हर पांच से 12 साल पर बैटरी बदलने के लिए उठानी पड़ती हैं। जेब घड़ी के आकार वाले पेसमेकरों को छाती पर चीरा लगाकर त्वचा के नीचे लगाया जाता है। लीड कहलाने वाली तारें इस उपकरण को दिल से जोड़ती हैं और विद्युत सिग्नल भेजती हैं। इससे दिल की गतिविधियां नियंत्रित रखी जाती हैं।

नए बिना तार वाले उपकरण में लीड की जरूरत नहीं होती क्योंकि यह दिल के अंदर होता है। यह इसके खराब हो जाने की संभावना भी खत्म करता है। लेकिन यह उपकरण अब भी चलता बैटरी से ही है। इस बैटरी को अक्सर उन्हीं बैटरियों की तरह बदलना पड़ता है, जिनका इस्तेमाल पारंपरिक पेसमेकरों में होता है। दिल की धड़कन से पैदा होने वाली ऊर्जा पर आधारित पेसमेकर बनाने का ख्याल करामी को उस समय आया, जब वह मानवरहित वायु यानों एवं पुलों के लिए पीजोइलेक्ट्र‌िक अनुप्रयोगों पर शोध कार्य (पीएचडी) कर रहे थे। वह इस जानकारी को मानवीय शरीर पर भी इस्तेमाल करना चाहते थे। दिल की तुलनात्मक शक्ति एवं लगातार गति के कारण वह एक स्वाभाविक विकल्प था।

Advertisement

करामी ने कहा, दिल को गतिमान अवस्था में देखना अचरज में डालने वाला है, फिर चाहे आप इसे एक एनिमेशन के रूप में ही क्यों न देखें। इसकी यह गति ऊर्जा पैदा करती है और हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि इसका इस्तेमाल कैसे किया जाए। करामी ने पारंपरिक पेसमेकर में लगाने के लिए पहले एक चपटा पीजोइलेक्ट्र‌िक नमूना बनाया था। वह सात से 700 धड़कन प्रति मिनट की रेंज में पेसमेकर को चालू रखने के लिए पर्याप्त ऊर्जा पैदा कर लेता था। तार रहित पेसमेकर के विकास के साथ हालांकि उन्होंने इस डिजाइन को छोटी एवं नली के आकार के उपकरण में समाहित करने के लायक बना लिया है। उपकरण निर्माताओं से पहले से ही बात कर रहे करामी नया नमूना बनाने पर काम कर रहे हैं और उन्हें उम्मीद है कि दो साल के भीतर पशुओं पर इसके परीक्षण पूरे कर लिए जाएंगे।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: स्वास्‍थ्य, हृदय, पेसमेकर, बैटरी, हदय से चार्जिंग, बफेलो विश्वविद्यालय, Health, heart, pacemakers, batteries, charging from heart, University of Buffalo, .
OUTLOOK 02 November, 2015
Advertisement