भारत को लगा चॉकलेट का चस्का
लंदन स्थित एक मार्केटिंग फर्म मिंटेल ने एक शोध के दौरान इसकी घोषणा की कि दुनिया के बाकी देशों में चॉकलेट की बिक्री स्थिर है। वहीं, भारत में इसकी खपत बढ़ रही है। भारत में पिछले साल 228000 टन चॉकलेट की खपत हुई है। ऑस्ट्रेलिया में 95 हजार टन और इंडोनेशिया में 94 हजार टन चॉकलेट की खपत हुई है।
एक शोध रिपोर्ट में लंदन स्थित वैश्विक बाजार कंपनी मिनटेल ने बताया कि जहां दूसरे देशों में चॉकलेट की बिक्री स्थिर है, वहीं भारत में 2016 में 228,000 टन चॉकलेट की खपत हुई। आस्ट्रेलिया और इंडोनेशिया में यह आंकड़ा क्रमश: 95,000 और 94,000 टन का रहा। भारत में 13 फीसदी के अलावा सिर्फ पोलेंड ही ऐसा देश है जहां 2 फीसदी की खपत में बढ़त दर्ज हुई है। जबकि दूसरी ओर अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस की बिक्री इस दौरान इससे पूर्व वर्ष के स्तर पर स्थिर रही। जबकि रूस में 2 प्रतिशत, ब्राजील में 6 प्रतिशत और चीन में 6 प्रतिशत की गिरावट आई है।
इस संबंध में मिनटेल फूड एंड ड्रिग के निदेशक मर्सिया मोगेलोन्सकी ने कहा कि विकसित देशों में चॉकलेट की बिक्री में स्थिरता रही। जबकि इसके विपरीत भारत जैसे उभरते बाजारों में तस्वीर बेहतर है जहां बिक्री अच्छी है। इस तरह हम कह सकते हैं कि चॉकलेट बाजार के क्षेत्र में भारत तेज गति से बढ़ रहा है।
रिपोर्ट बताती है कि भारतीयों की बदलती जीवनशैली ने उनके जायके को भी बदल दिया है। दुनियाभर में हर साल 46 लाख टन कोकोआ बीन्स का उत्पादन होता है जिससे चॉकलेट का निर्माण होता है।
रिपोर्ट के अनुसार, चॉकलेट का बाजार भारत में 2011 से 2015 के बीच 19.9 फीसदी की सीएजीआर की गति से बढ़ा है। रिसर्च के अनुसार वर्ष 2015 से लेकर 2020 तक उम्मीद है कि चॉकलेट का बाजार 20.6 फीसदी की तेजी से बढ़ेगा। रिपोर्ट के अनुसार प्रत्येक 5 में से 2 भारतीय चॉकलेट पसंद करते हैं। वहीं, चॉकलेट खाने वाले प्रत्येक 3 में से 1 भारतीय सोचता है कि इसको खाने से एनर्जी मिलती है।
जानकारों का मानना है कि आने वाले कुछ सालों में बिक्री में और भी उछाल देखने को मिलेगा। जानकारों का मानना है कि बढ़ती हुई प्रतिव्यक्ति आय देश की घरेलू खपत को बढ़ा रही है।