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25 August 2021

पार्टी के भीतर तेजस्वी के लिए चुनौती खड़ी कर रहे तेज प्रताप?, क्या चुनाव में लालू के बेटे ने इसलिए उठाया था बड़ा कदम

PTI/ File Photo

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की विरोधी पार्टियां लालू परिवार पर जंगल राज का आरोप लगाती रही है। यही वजह थी कि बिहार विधानसभा चुनाव में राज्य के के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ मैदान में उतरे महागठबंधन के चेहरे और राजद नेता तेजस्वी यादव ने परिवार से दूरी बनाकर रखी ह हुई थी। क्योंकि, चुनाव प्रचार और राज्य में लगे होर्डिंग, पोस्टर से परिवार के कई सदस्यों, तेज प्रताप, मीसा भारती, राबड़ी देवी... यहां तक की लालू यादव की भी तस्वीरें गायब थी। चुनावी मंच पर भी तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव दोनों एक साथ बहुत कम ही जगहों पर ही साझा करते दिखे थे। हालांकि, तेज प्रताप के मनपंसद सीट समस्तीपुर के हसनपुर से उन्हें टिकट दिया था और वो जीत दर्ज करने में सफल भी हुए, इस दौरान प्रचार के लिए तेजस्वी ने उनके साथ मंच साझा किया था। 

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इस वक्त तेज प्रताप यादव पार्टी के खिलाफ ही मोर्चा खोल रखा है। उनके पार्टी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के खिलाफ कई गंभीर आरोप हैं। तेज प्रताप का कहना है कि जगदानंद की पार्टी में मनमानी चल रही है। पार्टी संविधान से हटकर वो फैसला ले रहे हैं और इसके खिलाफ यदि लालू यादव कार्रवाई नहीं करते हैं तो वो कोर्ट जाएंगे। मामला पहले एक बयान को लेकर था जिसमें तेज प्रताप ने जगदानंद सिंह के सामने ही उन्हें हिटलर कहा था। यादव ने कहा था कि वो पार्टी में सिस्टम बन जाते हैं। कुर्सी किसी की बपौती नहीं है, आज है कल किसी और के पास होगी।

जिसके बाद ही जगदानंद सिंह ने तेज प्रताप द्वारा छात्र राजद प्रदेश अध्यक्ष पद पर नियुक्त किए गए और नजदीकी आकाश यादव की जगह पर गगन कुमार को नियुक्त कर दिया, इसमें तेजस्वी यादव की भी सहमति मानी गई। इसी बात को लेकर तेज प्रताप लगातार जगदानंद सिंह के खिलाफ बयान दे रहे हैं। जगदानंद सिंह ने तेज प्रताप के आरोपों के बाद यहां तक कह दिया की हू इज तेज प्रताप यादव।

दरअसल, पार्टी कार्यालय के बाहर आठ अगस्त को छात्र राजद की बैठक के दिन लगे पोस्टर जिसमें तेजस्वी यादव की तस्वीर गायब थी, उसके बाद से ये कलह के बुलबुले निकलकर सामने आ रहे हैं। तेजस्वी इस बात को भी समझ रहे हैं कि तेज प्रताप यादव उनकी मुश्किलों को बढ़ा सकते हैं। यही वजह है कि तेज प्रताप के बगावती तेवर को देखते हुए तेजस्वी ने उन्हें नसीहत दे डाली और कहा की अनुशासन के दायरे और बड़ों के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए ही कोई बयान दें।

इस बात का भी डर आरजेडी के भीतर है कि कही तेज प्रताप यादव के बयान से आहत होकर पार्टी के वरिष्ठ नेता और लालू के करीबी माने जाने वाले जगदानंद सिंह दिवंगत नेता रघुवंश प्रसाद सिंह का रास्ता तो नहीं चुन लेंगे। क्योंकि, बीते साल जिस वक्त लालू यादव चारा घोटाले मामले में जेल में थे, उस वक्त तेज प्रताप ने उनके खिलाफ बयान दिया था। तेज प्रताप यादव ने सिंह की ओर इशारा करते हुए कहा था कि पार्टी समुद्र है, एक लोटा पानी निकल ही जाएगा तो क्या फर्क पड़ता है। जिसके बाद माना गया कि इससे आहत होकर रघुवंश सिंह ने एम्स दिल्ली में भर्ती के दौरान ही लालू के नाम पत्र लिखकर इस्तीफा दे दिया। उसके बाद उनकी मौत हो गई।

इस वक्त राजद एक तरफ सत्ता में वापसी की कोशिश में लगी हुई है। और मौका का इंतजार कर रही है कि एनडीए के भीतर पनपती बगावत कब बाहर आए। वहीं, पार्टी खुद के भीतर मचे दंगल से भी संघर्ष कर रही है। यदि ये लड़ाई और आगे बढ़ती है तो फिर तेजस्वी के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती है। हालांकि, तेज प्रताप यादव का कहना है कि तेजस्वी और तेज प्रताप दोनों एक हैं। दोनों भाइयों के बीच में कोई लड़ाई नहीं है, कोई वर्चस्व की बात नहीं है। सब ठीक है।

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TAGS: Tej Pratap Yadav, Tejaswi Yadav, Nitish Kumar, JDU, RJD, BJP, Lalu Yadav, Neeraj Jha, नीरज झा
OUTLOOK 25 August, 2021
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