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19 August 2021

कौन हैं जगदानंद सिंह जो चुन सकते रघुवंश सिंह की राह, RJD के लिए खड़ी हो सकती बड़ी मुश्किलें; जानें- पूरी इनसाइड स्टोरी

जगदानंद सिंह राजद के बिहार प्रदेश अध्यक्ष हैं। वो लालू सरकार में मंत्री और सांसद रह चुके हैं। इन दिनों राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के भीतर पनपे कलह की वजह यही माने जा रहे हैं। राजद सुप्रीमो और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के बेटे तेज प्रताप यादव लगातार जगदानंद सिंह के खिलाफ बयान दे रहे हैं। अब जगदानंद सिंह द्वारा आकाश यादव को छात्र राजद प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाते हुए इस पद पर गगन कुमार को नया छात्र प्रदेश अध्यक्ष घोषित करने के बाद दोनों- तेज प्रताप यादव और जगदानंद सिंह के बीच में लड़ाई तेज हो गई है।

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तेज प्रताप यादव ने इसे पार्टी संविधान के खिलाफ बताया है। तेजप्रताप यादव ने जगदानंद सिंह के खिलाफ नाराजगी जाहिर करते हुए ट्विटर पर लिखा, "प्रवासी सलाहकार से सलाह लेने में अध्यक्ष जी ये भूल गए की पार्टी संविधान से चलता है और राजद का संविधान कहता है की बिना नोटिस दिए आप पार्टी के किसी पदाधिकारी को पदमुक्त नहीं कर सकते, आज जो हुआ वो राजद के संविधान के खिलाफ हुआ।"

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दरअसल, पिछले दिनों तेज प्रताप यादव ने आरजेडी के प्रदेश कार्यालय में एक सप्‍ताह पहले छात्र आरजेडी की बैठक में जगदानंद सिंह को 'हिटलर' कह डाला था। तेज प्रताप ने यहां तक कहा था कि आरजेडी का कोई भी कार्यक्रम हो, जगदानंद सिंह भी सिस्टम बनाने में लगते हैं, हिटलर की तरह बोलने लगते हैं। तेज प्रताप यही नहीं रूके थे, उन्होंने इशारों में यह भी कह डाला था कि कुर्सी किसी की बपौती नहीं, आज किसी के पास है तो कल किसी और के पास होगी।

अब सियासी गलियारों में चर्चा इस बात की है कि क्या जगदानंद सिंह दिवंगत नेता और लालू के बेहद करीबी माने जाने वाले रघुवंश प्रसाद सिंह की राह चुन लेंगे। क्योंकि, तेज प्रताप यादव की तरफ से लगातार उनके खिलाफ बयान आ रहे हैं। ऐसे में सिंह के लिए कुर्सी पर बने रहना मुश्किल भरा हो सकता है। हालांकि, अभी तक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन, तेजस्वी और तेज प्रताप यादव के बीच भी वर्चस्व की लड़ाई पोस्टर विवाद के बाद से सामने निकल कर आ रही है। दरअसल, आठ अगस्त को छात्र राजद की बैठक पटना में बुलाई गई थी। लेकिन, यहां लगे पोस्टर से तेजस्वी यादव गायब रहें।  हालांकि,उसके बाद तेज प्रताप यादव ने सोशल मीडिया के जरिए इस बात से इंकार किया और कहा कि तेज प्रताप और तेजस्वी दोनों एक हीं हैं। कोई मतभेद नहीं है।

वहीं, जिस तरह से तेज प्रताप यादव ने इशारों में जगदानंद सिंह को यहां तक कहा कि कुर्सी किसी की बपौती नहीं है। उससे स्पष्ट होता है कि वो जगदानंद सिंह के खिलाफ बड़ी कार्रवाई चाहते हैं।

दरअसल, तेज प्रताप यादव के एक बयान से आहत होने के बाद पार्टी के वरिष्ठ दिवंगत नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने एम्स दिल्ली में भर्ती रहने के दौरान लालू यादव को पत्र के जरिए इस्तीफा भेजवा दिया था। 2020 में तेजप्रताप ने कहा था कि पार्टी समुंद्र होता है, उसमें से अगर एक लोटा पानी निकल भी जाए तो समुंद्र को कोई फर्क नही पड़ता। तेजप्रताप का इशारा पार्टी के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह की ओर था।

अब यदि जगदानंद सिंह भी रघुवंश सिंह की तरह पार्टी के किनारा कर लेते हैं फिर आरजेडी के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती है। क्योंकि, जगदानंद सिंह पार्टी में वरिष्ठ और अनुभवी नेता माने जाते हैं। लालू यादव की भी तबियत ठीक नहीं रह रही है। ऐसे में विपक्ष को राजद पर सवाल खड़ा करने और सेंध लगाने का मौका मिल सकता है।

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TAGS: Jagdanand Singh, Raghuvansh Prasad Singh, RJD, Tej Pratap Yadav, Tejaswi Yadav, BJP, JDU, Lalu Yadav, Akash Kumar, Gagan Kumar, Neeraj Jha, नीरज झा
OUTLOOK 19 August, 2021
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