बिहार की राजनीति और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में एक नाम आकाश यादव का बीते एक-दो दिनों से लगातार सुर्खियों में है। दरअसल,आकाश यादव अब छात्र आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष से पूर्व अध्यक्ष हो चुके हैं। उन्हें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने हटाते हुए इस पद पर गगन कुमार को आरजेडी का नया छात्र प्रदेश अध्यक्ष घोषित कर दिया है। जिसके बाद से राजद सुप्रीमो लालू यादव के बड़े बेटे और राज्य के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव और जगदानंद सिंह के बीच में लड़ाई तेज हो गई है। दोनों नेताओं के बीच कई दिनों से एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी सामने आ रहे हैं।
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तेज प्रताप ने जगदानंद की कार्रवाई को पार्टी संविधान के खिलाफ बताया है। वहीं, माना जा रहा है कि जगदानंद सिंह द्वारा आकाश यादव को लेकर जो फैसला किया गया है, उसमें तेजस्वी यादव की पूरी सहमति रही है।
तेजप्रताप यादव ने जगदानंद सिंह के खिलाफ नाराजगी जाहिर करते हुए ट्विटर पर लिखा, "प्रवासी सलाहकार से सलाह लेने में अध्यक्ष जी ये भूल गए की पार्टी संविधान से चलता है और राजद का संविधान कहता है की बिना नोटिस दिए आप पार्टी के किसी पदाधिकारी को पदमुक्त नहीं कर सकते ..आज जो हुआ वो राजद के संविधान के खिलाफ हुआ।"
दरअसल,आकाश यादव तेज प्रताप के बेहद करीबी माने जाते हैं। पिछले साल पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने आकाश को छात्र राजद प्रदेश अध्यक्ष घोषित किया था। लेकिन, अभी तक जगदानंद सिंह, जो कि राज्य पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं, कभी कोई नियुक्ति नहीं की थी। अब उन्होंने गगन कुमार को नियुक्त कर तेजस्वी और तेज प्रताप यादव के बीच चल रहे वर्चस्व की लड़ाई को और तेज कर दिया है।
आठ अगस्त को छात्र राजद की बैठक पटना में बुलाई गई थी। लेकिन, यहां लगे पोस्टर से तेजस्वी यादव गायब रहें। जिसके बाद से सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई कि दोनों भाइयों में अपने वर्चस्व और विरासत को लेकर राजनीति तेज होने के संकेत मिल रहे हैं। हालांकि,उसके बाद तेज प्रताप यादव ने सोशल मीडिया के जरिए इस बात से इंकार किया और कहा कि तेज प्रताप और तेजस्वी दोनों एक हीं हैं।