आरजेडी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। एक ओर तेजस्वी यादव प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के साथ खड़े हैं तो उनके भाई तेज प्रताप यादव ने फिर जगदानंद सिंह के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है। इस बार मामला तेज प्रताप के करीबी माने जाने वाले छात्र राजद के अध्यक्ष आकाश यादव को जगदानंद सिंह द्वारा पद से हटाए जाने का है।
इससे पहले तेजप्रताप यादव के व्यवहार और बयानों से दुखी होकर पार्टी की गतिविधियों से करीब 10 दिनों तक दूर रहने वाले आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद आखिरकार मान गए। लेकिन उनकी नाराजगी की गाज तेजप्रताप के करीबी छात्र राजद के प्रदेश अध्यक्ष आकाश यादव पर गिर गई। जगदानंद ने आकाश को हटाकर गगन कुमार को यह जिम्मेदारी सौंप दी। लेकिन इस कार्रवाई से तेज प्रताप भड़क गए हैं।
तेजप्रताप ने अपनी नाराजगी ट्विटर के जरिए ही जाहिर कर दी। उन्होंने लिखा, "प्रवासी सलाहकार से सलाह लेने में अध्यक्ष जी ये भूल गए की पार्टी संविधान से चलता है और राजद का संविधान कहता है की बिना नोटिस दिए आप पार्टी के किसी पदाधिकारी को पदमुक्त नहीं कर सकते ..आज जो हुआ वो राजद के संविधान के खिलाफ हुआ।"
खबर है कि जगदानंद ने यह बदलाव तेजस्वी से लगभग डेढ़ घंटे की बातचीत के बाद किया। ऐसे में माना जा रहा है कि इसमें तेजस्वी की सहमति है।
हालांकि जगदानंद सिंह ने कहा कि उन्होंने किसी को बनाया ही नहीं था तो हटा कैसे सकते हैं। उन्होंने बताया कि पद अरसे से खाली था। अच्छे लड़के की तलाश थी। मिल गया तो कमान दे दी।
उधर, तेजस्वी यादव ने कहा, ''पार्टी में कोई भी निर्णय लेने के लिए जगदानंद सिंह स्वतंत्र है। पार्टी में कौन रहेगा, कौन नहीं रहेगा.. पार्टी में क्या बदलाव होगा... और पार्टी का विस्तार कैसे होगा सब पर फैसला लेने के लिए वह आजाद हैं।”
ताजा घटनाक्रम से ये भी अटकलें हैं कि असली लड़ाई परिवार के भीतर तेजस्वी और तेजप्रताप के बीच चल रही है जिसमें जगदानंद सिंह सिर्फ एक मोहरा भर हैं। आकाश यादव को उनके पद से हटाकर तेजस्वी यादव ने तेज प्रताप को यह संदेश भी दे दिया है कि वह न सिर्फ पार्टी के सीएम उम्मीदवार है बल्कि पार्टी के तमाम फैसले भी उन्हीं की इच्छा से लिए जाते हैं।