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03 November 2016

आजादी के अभिप्राय को सीमित करना शुरू कर रही है सरकार: थरूर

फाइल फोटो

तिरवनंतपुरम से लोकसभा सदस्य थरूर ने समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए साक्षात्कार में कहा, लोगों के बेडरूम, रसोई और डायनिंग रूम में सरकार का ताक-झांक करना गलत है। उन्होंने कहा, यह वास्तव में आजादी के अभिप्राय को सीमित करने की गंभीर शुरूआत है जिसका संविधान में उल्लेख है। पूर्व विदेश राज्य मंत्री ने सर्जिकल स्ट्राइक के मुद्दे पर कहा कि इससे उस दबी छिपी हताशा से काफी राहत मिली है जो इस धारणा के साथ पनप रही थी कि पाकिस्तान बार-बार हम पर निशाना साध रहा है और बच जा रहा है। हालांकि उन्होंने लक्षित हमलों पर सत्तारूढ़ दल के जश्न मनाने को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। उन्होंने कहा, इस सरकार में हम राष्ट्रवाद के बारे में सुन रहे हैं जो राष्ट्रवाद के रूप में कट्टरता के एक संकीर्ण स्वरूप को प्रोत्साहित करता दिखाई देता है जो वास्तव में सभी को समाहित करने वाले एक देश की भावना के साथ विश्वासघात है।

थरूर ने यह भी कहा कि, हमें बताया गया कि हमें कुछ चीजों पर गौरव करना चाहिए। लेकिन मुझे एक ऐसे भारत पर गर्व होता है जो अपनाता है, अवशोषित करता है और जो समावेशी है। ऐसा भारत नहीं जो संकीर्ण सोच वाला, विभाजनकारी है और जो दूसरों को अलग करता है। उन्होंने कहा कि ऐसे परिदृश्य में नरेंद्र मोदी सरकार बहुत लंबे समय तक जनादेश को नहीं रख पाएगी। कांग्रेस की संभावनाओं के सवाल पर उन्होंने कहा, मैं 2019 में कांग्रेस को सत्ता में वापसी करते देख रहा हूं। संभवत: अकेले नहीं, लेकिन अन्य दलों के साथ। उन्होंने कहा, यह तो बिल्कुल साफ है कि यह सरकार उन वादों को पूरा नहीं कर रही है जिनके दम पर यह जीतकर आई।

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OUTLOOK 03 November, 2016
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