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28 July 2020

सीएम गहलोत को सबक सिखाने के लिए कर रहे थे इंतजार, जरूरत पड़ी तो जाएंगे सुप्रीम कोर्ट: मायावती

ANI

एक तरफ जहां राजस्थान में सियासी उठापटक पिछले दो सप्ताह से भी अधिक समय से जारी है वहीं, उत्तर प्रदेश में कई दिनों से आपराधिक गतिविधियों की वजह से कानून व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। इसी बाबत उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमों मायावती ने एक तरफ यूपी की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं तो वहीं राजस्थान की गहलोत सरकार पर भी आरोप लगाया है।

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि राजस्थान में उन्होंने चुनाव के बाद कांग्रेस को बिना शर्त अपने छह विधायकों का समर्थन दिया। लेकिन दुख की बात है कि राज्य के सीएम अशोक गहलोत ने गलत नीति से बसपा को खतरा पहुंचाने के लिए बसपा के विधायकों का कांग्रेस में मिला लिया। मायावती ने कहा कि गहलोत ने पिछले कार्यकाल में भी ऐसा हीं किया था।

मायावती ने कहा कि वो पहले भी अदालत जा सकती थी लेकिन पार्टी कांग्रेस और अशोक गहलोत को सबक सिखाना चाहती थी। अब मायावती ने कोर्ट का रूख करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि वो इस मामले में जरूरत पड़ने पर सुप्रीम कोर्ट भी जाएंगे।

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बसपा प्रमुख ने कहा कि कांग्रेस का ये कार्य संविधान की 10वीं अनुसूचि के खिलाफ है इसलिए बसपा के द्वारा 6 विधायकों को व्हिप जारी कर निर्देशित किया गया है कि वो विधानसभा में कांग्रेस के खिलाफ ही मत डालेंगे।

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सोमवार को जारी किए गए व्हिप में बसपा महासचिव ने सभी 6 विधायकों को नोटिस जारी कर ये भी बताया था कि चूंकि बीएसपी एक राष्ट्रीय पार्टी है और दसवीं अनुसूची के पैरा 2 (1)(B) के तहत किसी राज्य में पूरी पार्टी का विलय असंवैधानिक है। पार्टी का कांग्रेस में विलय नहीं हुआ है। साथ ही उन्‍होंने सभी विधायकों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर किसी ने निर्देश की अवहेलना की, तो उस पर दल बदल कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।

सतीश चंद्र मिश्रा ने आगे कहा था कि यह सभी विधायक बसपा के टिकट पर चुनाव जीत कर आए हैं, जो पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती द्वारा जारी किए गए थे। लिहाजा सभी 6 विधायक पार्टी के निर्देश मानने के लिए बाध्य हैं।

 

 

 

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TAGS: Mayawati, Uttar Pradesh, UP's law and order, CM Gehlot, Rajasthan Political Crisis
OUTLOOK 28 July, 2020
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