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21 July 2020

अयोग्यता नोटिस पर पायलट खेमे को राजस्थान हाईकोर्ट से मिली राहत, 24 जुलाई तक स्पीकर नहीं लेंगे कोई फैसला

PTI

राजस्थान में बीते दो सप्ताह से जारी सियासी उठापटक अभी थमा नहीं है। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके समर्थक खेमे की तरफ से राजस्थान हाईकोर्ट में स्पीकर द्वारा मिले नोटिस को लेकर चुनौती दी गई है, जिस पर मंगलवार को हाई कोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। साथ ही कोर्ट ने अयोग्यता करार देने के नोटिस पर 24 जुलाई तक के लिए रोक लगा दिया है। कोर्ट ने कहा है कि स्पीकर द्वारा भेजे गए नोटिस पर अगले तीन दिनों तक में कोई एक्शन नहीं लिया जाएगा। यानी की कांग्रेस के बागी पायलट खेमे को 24 जुलाई तक की मोहलत मिल गई है। वहीं, कांग्रेस विधायक दल की बैठक राजधानी जयपुर में चल रही है। कांग्रेस ने मांग की है कि बागी विधायकों को अयोग्य करार दिया जाए, जिसको लेकर विधानसभा स्पीकर ने नोटिस भेजा है और बीते शुक्रवार तक जवाब मांगा था। जिसके बाद पायलट खेमे के विधायक ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और चुनौती दी थी। 

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शुक्रवार को जस्टिस इंद्रजीत महंती और जस्टिस प्रकाश गुप्ता की पीठ ने स्वीकार किया था। सोमवार को शाम तक दलीलें सुनी गईं, लेकिन कोई फैसला अभी नहीं दिया गया है। मंगलवार की सुबह साढ़े दस बजे कोर्ट की सुनवाई शुरु हुई, जिसके बाद कोर्ट ने कहा कि सभी विधायक अपना जवाब लिखित में दोपहर दो बजे तक दाखिल करें। पायलट और अन्य कांग्रेस विधायकों की ओर से सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी पेश हुए और याचिकाकर्ताओं की तरफ से कोर्ट में दलीलें रखीं।

याचिकाकर्ता की तरफ से दलील पेश करते हुए मुकुल रोहतगी ने कहा कि इस वक्त कोरोना संकट के बीच हैं और नोटिस का जवाब देने के लिए तीन दिन का वक्त दिया गया, जबकि नियमों के मुताबिक इसे सात दिन तक बढ़ाना चाहिए।

इससे पहले पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने सोमवार को आरोप लगाया था कि राजस्थान सरकार लोकतंत्र का गला घोंट रही है। सिंह ने अपने बयान का एक वीडियो जारी किया। इसमें उन्होंने कहा, ‘'जिस तरीके से राजस्थान की सरकार लोकतंत्र का गला घोंट रही है वह किसी से छुपी हुई बात नहीं। रविवार तक मैं उनका कैबिनेट मंत्री था और आज मुझ पर एसओजी, एसीबी के केस लगा दिए गए हैं।'’

दरअसल, सीएम अशोक गहलोत का आरोप है कि उनके बागी विधायकों के साथ सचिन पायलट मिलकर सरकार गिराने की साजिश रज रहे थे। इसको लेकर सीएम गहलोत ने बीते गुरुवार को एक ऑडियो रिकॉर्डिंग क्लिप भी जारी किया था। जिसमें हॉर्स-ट्रेडिंग का आरोप लगाया गया।

राजस्थान में पिछले कई दिनों से सियासी घमासान मचा है। कांग्रेस की अगुवाई वाली गहलोत सरकार में सचिन पायलट ने बगावत के सुर अख्तियार कर लिए। जिसके बाद लगातार दो दिन पार्टी ने विधायक दल की बैठक बुलाई, इसमें खास तौर से सचिन पायलट को आमंत्रित किया गया लेकिन वो और उनके समर्थक विधायक नहीं शामिल हुए। पार्टी ने इसके बाद पायलट समेत दो और को पद से बर्खास्त कर दिया। 

 

 

 

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TAGS: Rajasthan HC Order, CLP Meeting, Congress, Rajasthan Political Crisis, Ashok Gehlot, Sachin Pilot
OUTLOOK 21 July, 2020
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