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27 April 2016

लोकसभा में उठी पूर्वोत्तर राज्यों से आफ्सपा हटाने की मांग

गूगल

लोकसभा में उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांग पर चर्चा के दौरान कांग्रेस के थोकचोम मेनिया, बीजद के तथागति सथपति, तेदेपा के राममोहन नायडू आदि ने पूर्वोत्तर के कई राज्यों से अफ्सपा हटाए जाने पर सरकार से गंभीरता से विचार करने की मांग की। कांग्रेस के थोकचोम मेनिया ने कहा कि मणिपुर में परमिट प्रणाली समाप्त होने से कई समस्याएं सामने आई है। अगर 1949 में मणिपुर का भारत में पूर्ण रूप से विलय हो गया होता तो अभी जो कई समस्याएं हैं वह पैदा ही नहीं होती। उन्होंने कहा,  मणिपुर में एक बड़ी समस्या स आफ्सपा के कारण उत्पन्न हुई है। मणिपुर से आफ्सपा हटाया जाए।

 

बीजद के तथागत सथपति ने कहा कि पिछले अनेक दशकों में सरकारें आईं और गईं लेकिन पूर्वोत्तर के बारे में उनके रूख में कोई बदलाव नहीं आया। आज भी इस क्षेत्र के लिए कोई ठोस नीति नहीं है। उन्होंने कहा,  50 साल से पूर्वोत्तर के कई राज्यों में आफ्सपा लगाया गया है। पूर्वोत्तर के युवाओं को शेष भारत से जोड़ने के मार्ग में यह बड़ी बाधा है। सरकार इस क्षेत्र से आफ्सपा हटाए और युवाओं को शेष भारत से जुड़ने का मार्ग प्रशस्त करे तब इस क्षेत्र से उग्रवाद अपनी स्वाभाविक मौत मर जाएगा। सथपति ने दावा किया कि इस क्षेत्र में आफ्सपा के दौरान 50 साल में सशस्त्र बलों के हाथों पचास हजार नागरिक मारे गए हैं। आफ्सपा को बिना शर्त हटाया जाए। उन्होंने इस संदर्भ में आफ्सपा हटाने के लिए लंबे समय से आंदोलन कर रहीं इरोम शर्मिला का जिक्र करते हुए कहा कि इन्हें पद्म सम्मान दिया जाना चाहिए। तेदेपा के राममोहन नायडू ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूर्वोवत्तर क्षेत्र के विकास के संदर्भ में सरकार के रूख में बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि अफ्सपा एक अहम विषय है और इससे जुड़ी संवेदनशीलताओं को ध्यान में रखते हुए सरकार को सभी पक्षों के साथ चर्चा कर इसे वापस लेने पर विचार करना चाहिए।

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भाजपा की विजया चक्रवर्ती ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकारों ने पूर्वोत्तर क्षेत्र की उपेक्षा की जिससे यहां भीषण बेरोजगारी है और युवाओं को भविष्य अंधकारमय लग रहा है। वाईएसआरसीपी के वाराप्रसाद राव ने कहा कि पूर्वोत्तर के विकास के लिए आवंटन को बहुत अधिक बढ़ाने की जरूरत है। भाजपा के आरपी सरमा ने कहा कि आजादी के इतने सालों बाद भी पूर्वोत्तर क्षेत्र रेल, सड़क वायु और जल मार्ग से पूरी तरह जुड़ा हुआ नहीं है। जदयू के जयप्रकाश नारायण यादव ने पूर्वोत्तर क्षेत्रों के साथ घोर भेद-भाव होने का आरोप लगाया। आरएलएसपी के अरूण कुमार ने कहा कि पूर्वोत्तर राष्ट्रीय सुरक्षा और विकास की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। एआईयूडीएफ के बदरूद्दीन अजमल ने कहा कि शिक्षा का बुनियादी ढांचा नहीं होने के कारण पूर्वोत्तर के 70 प्रतिशत से अधिक छात्रों को अपने राज्यों से बाहर जाना पड़ता है और अक्सर वह प्रताड़ना के शिकार बनते हैं।

 

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TAGS: लोकसभा, सांसद, पूर्वोत्तर क्षेत्र, आफ्सपा, सशस्त्र बल विशेष अधिकार कानून, समग्र विकास, देश की मुख्यधारा, वापस, विचार, उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय, नियंत्रणाधीन अनुदान, थोकचोम मेनिया, बीजद, तथागति सथपति, तेदेपा, राममोहन नायडू, कांग्रेस, थोकचोम मेनिया
OUTLOOK 27 April, 2016
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