पेगासस स्पाइवेयर: हैकिंग पर विपक्ष का हल्लाबोल, राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने मोदी सरकार को घेरा
इजराइल के खुफिया साफ्टवेयर पेगासस स्पाइवेयर के जरिए भारत के पत्रकारों, विपक्ष के नेताओं समेत बड़ी तादाद में कारोबारियों और अधिकार कार्यकर्ताओं के फोन हैकिंग के आरोपों को लेकर विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित कई नेताओं ने सोमवार को प्रधानमंत्री पर हमला बोला है।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ट्वीट कर सरकार के खिलाफ तंज कसते हुए लिखा कि हमें पता है वो क्या पढ़ रह हैं, जो भी है आपके फोन में हैं। उन्होंने ट्विट के अंत में #पेगासस (Pegasus) भी लिखा था। इसके साथ उन्होंने अपने 16 जुलाई के ट्वीट को टैग करते हुए कहा, "मैं सोच रहा हूं कि आप लोग इन दिनों क्या पढ़ रहे हैं।
कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी केंद्र पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, "टैपिंगजीवी जी, राजनीतिक विरोधियों के साथ-साथ अब पत्रकार, जज, उद्योगपति, खुद के वरिष्ठतम मंत्री और यहाँ तक की आरएसएस की लीडरशिप को भी नहीं बख्शा, आपने तो। ठीक ही कहा- अबकी बार, जासूस सरकार !" उन्होंने अपने एक और ट्वीट में केंद्र से सवाल करते हुए लिखा कि साहेब, देश पूछता है। रोज़ाना 18 घंटे काम करते समय दूसरों के फ़ोन की जासूसी में कितना समय बिताते हो ?
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी ट्वीट किया कि कांग्रेस इस नीति को सरकार द्वारा कभी भी स्पष्ट रूप से अस्वीकार नहीं किया गया है। और किसी के द्वारा हैकिंग करना भारतीय कानून के तहत अवैध है। #पेगासस
वहीं कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने पिछले साल राज्यसभा में अपने उठाए गए प्रश्न का वीडियो शेयर करते हुए ट्वीट किया, "दिसंबर २०१९ शरद क़ालीन सत्र में राज्य सभा में सरकार से पूछे गए सवाल आज भी अनुत्तरित हैं। क्या अमित शाह जी हमें जानकारी देंगे? मुझे नहीं लगता वो देंगे। क्योंकि वे ही दोषी हैं।"
उन्होंने आगे लिखा, "इसके बाद मैंने मंत्री जी को पत्र लिख कर जिन लोगों के फ़ोन हैक हुए थे वह सूचि उजागर करने का अनुरोध किया था जो वॉट्सअप ने उन्हें भेजी थी। आज तक मुझे मेरे पत्र का उत्तर नहीं मिला।"
बता दें कि संसद के मॉनसून सत्र में इस बार सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस हो सकती है। सत्र की शुरुआत से पहले ही एक ऐसा मुद्दा सामने आया है, जिसने हर किसी को हिला दिया है। खबरों में दावा किया गया है कि पेगासस सॉफ्टवेयर के प्रयोग से भारत में कई पत्रकारों, नेताओं और अन्य लोगों के फोन हैक किए गए थे। इस खुलासे के बाद आज सोमवार को संसद में हंगामा होने के आसार हैं।
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द वायर की रविवार की रिपोर्ट के अनुसार, जासूसी डेटाबेस में भारतीयों में 40 से अधिक पत्रकार, तीन प्रमुख विपक्षी हस्तियां, एक संवैधानिक प्राधिकरण, नरेंद्र मोदी सरकार में दो सेवारत मंत्री, सुरक्षा संगठनों के वर्तमान और पूर्व प्रमुख और अधिकारी और कई कारोबारी शामिल हैं।