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23 August 2017

सुप्रीम कोर्ट ने BCCI से पूछा, अब तक लोढ़ा समिति की सिफारिशें लागू क्यों नहीं हुईं?

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सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बीसीसीआई के तीन शीर्ष पदाधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर यह पूछा कि लोढ़ा समिति की सिफारिशों को अभी तक लागू क्यों नहीं किया गया है। कोर्ट ने बीसीसीआई की प्रशासकों की समिति से नया संविधान बनाकर उसे पेश करने को कहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना, सचिव अमिताभ चौधरी और कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी को कारण बताओ नोटिस जारी किया। बीसीसीआई के प्रशासकों की समिति ने सुप्रीम कोर्ट में 16 अगस्त को रिपोर्ट पेश कर बोर्ड के शीर्ष पदाधिकारियों को हटाने की मांग की थी। इनका आरोप था कि खन्ना, अमिताभ चौधरी और अनिरूद्ध चौधरी लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने में सहयोग नहीं कर रहे हैं। कोर्ट ने 19 सितंबर को होने वाली अगली सुनवाई में इन तीनों को उपस्थित होने को कहा है। 

क्या हैं लोढ़ा समिति की मुख्य सिफारिशें-

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1- लोढ़ा समिति का सबसे अहम सुझाव है कि प्रत्येक राज्य की एक एसोसिएशन पूर्ण सदस्य होगी और उसे वोट करने का अधिकार होगा। इसके अलावा यह भी सुझाव है कि रेलवे, सर्विसेज और यूनिवर्सिटीज की मान्यता घटाकर उन्हें सहयोगी सदस्य बना दिया जाए।

2- लोढ़ा समिति का सुझाव है कि आईपीएल और बीसीसीआई के लिए अलग-अलग गवर्निंग काउंसिल हों। इसके अलावा समिति ने आईपीएल गवर्निंग काउंसिल को सीमित अधिकार दिए जाने का भी सुझाव दिया है।

3- समिति ने बीसीसीआई पदाधिकारियों के चयन के लिए मानकों का भी सुझाव दिया है। उनका कहना है कि उन्हें मंत्री या सरकारी अधिकारी नहीं होना चाहिए और वे नौ साल अथवा तीन कार्यकाल तक बीसीसीआई के किसी भी पद पर न रहे हों। लोढ़ा समिति का यह भी सुझाव है कि बीसीसीआई के किसी भी पदाधिकारी को लगातार दो से ज्यादा कार्यकाल नहीं दिए जाने चाहिए।

4- समिति की सिफारिशों में सबसे महत्वपूर्ण बात है नवंबर, 2015 में आईपीएल के सीओओ पद से इस्तीफा देने वाले सुंदर रमन को क्लीन चिट दिया जाना।

5- समिति ने इन-बिल्ट मैकेनिज्म तैयार कर सट्टेबाजी को वैध किए जाने की सिफारिश की है।

6- लोढ़ा समिति की रिपोर्ट में खिलाड़ियों की एसोसिएशन के गठन तथा स्थापना का भी प्रस्ताव किया गया है।

7- समिति ने एक स्टीयरिंग कमेटी बनाए जाने की सिफारिश की है, जिसकी अध्यक्षता गृह सचिव जीके पिल्लै करेंगे तथा मोहिन्दर अमरनाथ, डायना एदुलजी तथा अनिल कुंबले उसके सदस्य होंगे।

8- समिति ने कहा कि नीति अधिकारी के हितों के टकराव पर फैसला लेगा।

9- समिति का सुझाव है कि बीसीसीआई को सूचना अधिकार कानून (आरटीआई) के दायरे में लाया जाना चाहिए।

10- समिति के मुताबिक, बीसीसीआई के क्रिकेट से जुड़े मामलों का निपटारा पूर्व खिलाड़ियों को ही करना चाहिए, जबकि गैर-क्रिकेटीय मसलों पर फैसले छह सहायक प्रबंधकों तथा दो समितियों की मदद से सीईओ करेंगे।

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TAGS: bcci, supreme court, lodha panel, recommendations
OUTLOOK 23 August, 2017
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