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16 June 2016

डोपिंग के नये खुलासों से रूसी एथलीटों की ओलंपिक में भागीदारी पर खतरा

गूगल

डोप टेस्ट करने वाले अधिकारियों को रूसी सुरक्षाबलों से धमकियां मिली जबकि खिलाड़ी विभिन्न तकनीकों के सहारे डोपिंग टेस्ट से बचते रहे। अंतरराष्टीय एथलेटिक्स महासंघ दो दिन बाद वियना में होने वाली बैठक में फैसला लेगा कि रूसी एथलीटों को रियो दि जिनेरियो ओलंपिक में भाग लेने की अनुमति देनी है या नहीं। वाडा की इस ताजा रिपोर्ट से हालांकि देश में खेलों में पैठ बना चुके डोपिंग के चलन को खत्म करने के प्रयास करने के रूस के दावों पर फिर सवाल उठने लगे हैं। वाडा की रिपोर्ट में कहा गया है कि 15 फरवरी से 29 मई तक 736 से अधिक टेस्ट विभिन्न कारणों से रद्द करने पड़े।

अधिकारियों ने कहा कि सैन्य शहरों में डोप टेस्ट करने के उनके प्रयास नाकाम रहे क्योंकि उन्हें देश से बाहर निकालने की धमकियां भी दी गई। इसमें यह भी बताया कि किस तरह खिलाडि़यों ने अलग-अलग तरीकों से डोप टेस्ट से बचने के प्रयास किये। एक बार एक महिला खिलाड़ी ने मूत्र के नमूने से भरा कंटेनर जमीन पर फेंक दिया और अधिकारी को रिश्वत देने की कोशिश भी की। वहीं एक खिलाड़ी तो अधिकारी से बचने के लिये मिक्स जोन में दौड़ गया। एक अन्य खिलाड़ी रेस के दौरान स्टेडियम से रफूचक्कर हो गया और फिर नहीं मिला। रिपोर्ट में कहा गया कि 27 फरवरी को राष्ट्रीय पैदलचाल चैम्पियनशिप के दौरान 15 खिलाडि़यों ने या तो भाग नहीं लिया, या नाम वापिस ले लिया या अयोग्य करार दिये गए। एक अन्य घटना में आइस हाकी विश्व चैम्पियनशिप के दौरान रूस की पूरी अंडर 18 टीम को अंडर 17 टीम से बदल दिया गया जिसकी वजह प्रतिबंधित दवा मेल्डोनियम का इस्तेमाल है।

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TAGS: World Anti-Doping Agency, WADA, Russian athletes, drug tests, participation, Olympic Games. विश्व डोपिंग निरोधक एजेंसी, वाडा, रूसी खिलाड़ी, डोप टेस्ट, ओलंपिक, भागीदारी
OUTLOOK 16 June, 2016
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