डेविस कप : भारतीय टीम स्पेन के धुरंधरों को क्या चुनौती दे पाएगी
विश्व ग्रुप प्ले आॅॅफ मुकाबला हालांकि भारत के एकल खिलाड़ी साकेत मायनेनी और रामकुमार रामनाथन के लिये अच्छा मौका होगा जिनके पास मिलाकर डेविस कप कैरियर के नाम पर केवल पांच मैच खेलने का अनुभव है। ये दोनों सर्वश्रेष्ठ खिलाडि़यों के खिलाफ खुद की परीक्षा ही नहीं करना चाहेंगे बल्कि उनसे काफी कुछ सीखना भी चाहेंगे।
भारतीय टेनिस प्रशंसकों के लिये भी यह जीवन में एक बार मिलने वाला मौका होगा क्योंकि उन्हें इस दौरान 14 बार के ग्रैंडस्लैम चैम्पियन नडाल को प्रतिस्पर्धी मैच में खेलते हुए देखने का मौका मिलेगा। यह खिलाड़ी हालांकि पिछले कुछ समय से जूझ रहा है लेकिन उन्हें कभी भी कमतर नहीं माना जा सकता।
दुनिया के चौथे नंबर के खिलाड़ी नडाल स्पेन के पांच में से चार डेविस कप खिताबी जीत :2004, 2008, 2009, 2011: में अहम भूमिका निभा चुके हैं और फेरर ने भी तीन खिताबों :2008, 2009, 2011: में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। स्पेन के इन चारों खिलाडि़यों - नडाल :16:, फेरर :18:, फेलिसियानो लोपेज :22: और मार्क लोपेज :09: -के पास कुल मिलाकर 65 डेविस कप मुकाबलों का अनुभव है।
भारत के एकल खिलाडि़यों को सिर्फ पांच मैचों का अनुभव है जिसमें से रामकुमार ने दो महीने पहले ही चंडीगढ़ में कोरिया के खिलाफ अपना डेविस कप आगाज किया है। सुमित नागल को अगर एक मैच मिलता है तो उनके लिये अच्छा होगा। भारतीय टीम उम्मीद करेगी कि 53 मैचों के अनुभवी लिएंडर पेस इन गैर अनुभवी खिलाडि़यों की बेहतरीन अगुवाई करें।
इन विश्व स्तरीय खिलाडि़यों के खिलाफ खेलते हुए हार मिलने पर कोई भी सवाल नहीं उठायेगा लेकिन जिस तरह से भारतीय खिलाड़ी भिड़ते हैं और चुनौती देते हैं, उस पर निश्चित रूप से सभी की निगाहें लगी होंगी। जैसा कि पेस ने कहा है, गंवाने के लिये कुछ नहीं है, मायनेनी और रामकुमार को अपने मैचों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा।
अठाईस वर्षीय मायनेनी अमेरिकी ओपन में एक मुकाबला खेलकर आ रहे हैं, बल्कि उन्होंने क्वालीफायर के जरिये मुख्य ड्रा में जगह बनायी थी। उन्होंने अमेरिकी ओपन में अपने पहले राउंड में जिरी वेसेली के खिलाफ बेहतर प्रदर्शन किया था।