ईरान मुद्दे पर अमेरिका में घमासान
अमेरिकी कांग्रेस में रिपब्लिकन सीनेटरों का बहुमत है और ईरान से किसी भी समझौते को कांग्रेस की मंजूरी दिलाना ओबामा के लिए मुश्किल है जबकि अमेरिकी संविधाना के मुताबिक ऐसे किसी भी समझौते को कांग्रेस के दो तिहाई बहुमत से पारित कराना जरूरी है। अमेरिका के 47 रिपब्लिकन सीनेटरों ने इस मुद्दे पर सीधे ईरानी नेतृत्व को पत्र लिखा है और उन्हें ऐसे किसी भी संभावित करार से दूरी बरतने की सलाह दी है। हालांकि इन सीनेटरों के इस कदम का व्हाइट हाउस और कांग्रेस में डेमोक्रेटिक पार्टी के नेतृत्व ने आरोप लगाया कि ऐसा करके रिपब्लिकन सांसद न केवल अमेरिकी राष्ट्रपति की उपेक्षा करना चाहते हैं बल्कि वे अमेरिका के राष्ट्रपति पद की गरिमा को भी क्षीण कर रहे हैं।
ईरानी नेतृत्व को लिखे खुले पत्र में 47 सीनेटर ने लिखा, हमारी सरकार के साथ आपके परमाणु वार्ताओं का अवलोकन करने के दौरान यह हमारे ध्यान में आया कि आप हमारे संवैधानिक तंत्र को पूरी तरह नहीं समझ सके हैं। इसलिए हम अपने संविधान के दो पहलुओं - अंतरराष्ट्रीय समझौते करने की शक्ति और संघीय कार्यालय की भिन्न प्रकृति की ओर आपका ध्यान आकर्षित करने के इरादे से यह पत्र लिख रहे हैं। वार्ता प्रक्रियाओं के दौरान इस पर आपको गंभीरता से विचार करना चाहिए। हमारे संविधान के अंतर्गत, सबसे पहले जब भी अमेरिकी राष्ट्रपति अंतरराष्ट्रीय संधि पर बातचीत करते हैं तो इसकी मंजूरी में कांग्रेस की भूमिका अहम रहती है। किसी करार के मामले में सीनेट को दो तिहाई मतों से इसे मंजूरी देनी होती है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने पत्र पर प्रतिक्रिया जताते हुए कहा, नौ मार्च को 47 रिपब्लिकन सीनेटरों ने ईरान को यह पत्र भेजा, जिसमें एक संवेदनशील अंतरराष्ट्रीय वार्ता के दरम्यान वर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति की गरिमा कम करने का प्रयास दिखता है और जिस सम्मानित पद पर मैं हूं यह उसकी गरिमा को गिराता है।
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