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01 August 2016

अफगानिस्तान की इकलौती महिला गर्वनर मासूमा मुरादी

रूढ़ियों को धता बताते हुए अफगानिस्तान की इकलौती महिला गर्वनर बनी मासूमा का दूरदराज के दायकुंदी प्रांत का गर्वनर बनना इस देश में एक उल्लेखनीय घटना है, जहां पितृसत्तात्मक परंपराएं महिलाओं को दुनिया में उनकी जगह देने के आधुनिक विचारों के ठीक विपरित हैं। लेकिन राष्ट्रपति अशरफ गनी द्वारा मासूमा को नियुक्त करने के बमुश्किल साल भर बाद ही इस महिला के लिए चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं। उन्हें पद से हटाने के धार्मिक कट्टरपंथियों और विरोधियों के स्वर तेज होते जा रहे हैं। यह दिखाता है कि पुरूषों के वर्चस्व वाले समाज में अकेली महिला को कितना संघर्ष करना पड़ता है।

37 वर्षीय मासूमा ने एएफपी को बताया, लोग दावा जरूर करते हैं कि वे खुले विचारों के हैं लेकिन एक महिला के इस पद पर होने को वे बर्दाश्त नहीं कर पाते। वे मुझे दबा नहीं पाएंगे। पांच फीट ऊंचाई वाली, दो बच्चों की मां को गनी ने दायकुंदी का नेतृत्व करने के लिए चुना।  लेकिन उनके यहां पहुंचने से पहले ही राजनीतिक विरोधियों ने प्रशासनिक अनुभव की कमी बता कर उनकी नियुक्ति का विरोध किया था। इन विरोधियों में ज्यादातर पुरूष थे।

साल 2001 में अफगानिस्तान से तालिबान शासन के खात्मे के बाद यहां महिलाओं ने तरक्की तो की है लेकिन सामाजिक जीवन से वे अब भी लगभग नदारद हैं।

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एजेंसी भाषा

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TAGS: afghanistan, masooma muradi, अफगानिस्तान, मासूमा मुरादी
OUTLOOK 01 August, 2016
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