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23 May 2016

भारत, ईरान के बीच चाबहार पोर्ट समेत कई समझौतों पर दस्तखत

पीटीआई

पीएम मोदी और ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी के बीच उच्च स्तरीय वार्ता के बाद दोनों देशों के बीच कई आर्तिक और सांस्कृतिक समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। इनमें सबसे अहम माने जाने वाले चाबहार बंदरगाह के विकास से जुड़े द्विपक्षीय समझौते के अलावा भारत, अफगानिस्तान और ईरान ने परिवहन और ट्रांजिट कॉरिडोर पर एक त्रिपक्षीय समझौते पर दस्तखत किए। परिवहन और ट्रांजिट कॉरिडोर समझौते के बारे में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इससे क्षेत्र के इतिहास की धारा बदल सकती है। समजौते के तहत भारत चाबहार बंदरगाह के लिए 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर का निवेश करेगा। एक एल्युमिनियम संयंत्र की स्थापना और अफगानिस्तान एवं मध्य एशिया तक भारत को पहुंच कायम करने देने के लिए एक रेल लाईन बिछाने को लेकर भी द्विपक्षीय समझौते हुए। इन समझौतों का मकसद अलग-अलग क्षेत्रों, जिसमें अर्थव्यवस्था, व्यापार, परिवहन, बंदरगाह विकास, संस्कृति, विज्ञान एवं शैक्षणिक सहयोग शामिल हैं, में भारत-ईरान के रिश्तों को गहरा बनाना है।

 

पीएम मोदी की यह ईरान यात्रा पिछले 15 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा है। ईरान के विवादित परमाणु कार्यक्रम के मुद्दे पर पश्चिमी देशों के साथ तेहरान के ऐतिहासिक परमाणु करार के बाद ईरान पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध हटने के बाद मोदी की यह यात्रा हो रही है। इससे पहले, अप्रैल 2001 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने ईरान की यात्रा की थी। रूहानी के साथ संयुक्त तौर पर मीडिया को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, चाबहार पोर्ट और इससे जुड़ी आधारभूत संरचना विकसित करने और इस उद्देश्य के लिए भारत की तरफ से 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर उपलब्ध कराने से संबंधित द्विपक्षीय समझौता एक मील का पत्थर है। मोदी ने कहा, इस बड़े प्रयास से क्षेत्र में आर्थिक संवृद्धि में तेजी आएगी। हम उन समझौतों को जल्द लागू करने के कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं जिन पर आज दस्तखत किए गए।

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चाबहार पोर्ट के विकास से जुड़े परिवहन एवं ट्रांजिट कॉरिडोर संबंधी त्रिपक्षीय समझौते पर बाद में भारत, ईरान और अफगानिस्तान ने दस्तखत किए। मोदी, रूहानी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी की मौजूदगी में इस समझौते पर दस्तखत हुए। उर्जा संपन्न ईरान के दक्षिणी तट पर सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में स्थित चाबहार पोर्ट फारस की खाड़ी के बाहर है और बगैर पाकिस्तान से गुजरे हुए भारत के पश्चिमी तट से इस तक पहुंच कायम की जा सकती है।

 

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TAGS: पीएम, नरेंद्र मोदी, ईरान यात्रा, रणनीतिक, चाबहार बंदरगाह, कट्टरपंथ, आतंकवाद, राष्ट्रपति, हसन रूहानी, ईरान, अफगानिस्तान, अशरफ गनी PM, Narendra Modi, Iran Tour, strategic, Chahabar port, Terrorism, President Hassan Roohani, Iran, Afghanistan, Ashraf Ghani
OUTLOOK 23 May, 2016
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