Advertisement
17 September 2016

बलूचिस्तान मुद्दे पर भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ आक्रामक रूख अपनाया

गूगल

यूएनएचआसी में जवाब देने के अपने हक का इस्तेमाल करते हुए भारत ने पिछले तीन दिनों में दूसरी बार बलूचिस्तान का मुद्दा उठाया। भारत ने कहा कि आतंकवाद के वैश्विक गढ़ के तौर पर अपनी पहचान बना चुके देश की बदकिस्मती यह है कि वह मानवाधिकारों की बात कर रहा है। भारत ने कहा, आतंकवाद को पालने-पोसने वाली, इसे बढ़ावा देने वाली और इसे अमल में ला रही सरकार का यह आला दर्जे का पाखंड ही है कि वह मानवाधिकार जैसे विषयों में घुसने की कोशिश कर रही है।

अपने जवाब में भारत ने कहा कि पिछले दो दशकों में दुनिया के सबसे ज्यादा वांछित आतंकवादियों ने पाकिस्तान में शरण ली है। बदकिस्मती से यह परंपरा आज भी जारी है और यह तब नहीं चौंकाता जब वहां की सरकार आतंकवाद का इस्तेमाल अपने देश के नीतिगत उपकरण के तौर पर करती है। भारत ने कहा कि भारतीय राज्य जम्मू-कश्मीर में मौजूदा अशांति की जड़ें पुलिस कार्रवाई में हिज्बुल मुजाहिदीन के स्वयंभू आतंकवादी कमांडर बुरहान वानी की मौत से जुड़ी हुई हैं जिसके तार सीमा पार से जुड़े हैं

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: बलूचिस्तान, पाकिस्तान, भारत, आक्रामक, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद, यूएनएचआरसी, आतंकवाद, वैश्विक गढ़, हिज्बुल मुजाहिदीन, बुरहान वानी, Balochistan, Pakistan, India, Offensive, United Nations Human Rights Council, UNHRC, Terrorism, Global epicentre, Hizbul Mujahidee
OUTLOOK 17 September, 2016
Advertisement