ईरान पहुंचे मोदी: चाबहार बंदरगाह, उर्जा करार यात्रा का मुख्य एजेंडा
दो दिवसीय यात्रा पर ईरान पहुंचे पीएम मोदी की मेहराबाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर ईरान के वित्त व आर्थिक मामलों के मंत्री अली तायेबनिया ने अगवानी की। मोदी यहां से एक स्थानीय गुरद्वारे के लिए रवाना हो गए जहां उन्होंने भारतीय मूल के लोगों से मुलाकात की और प्रार्थना सभा में भी शामिल हुए। मोदी बीते 15 साल में ईरान की यात्रा पर आने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी के साथ मोदी की औपचारिक बैठक कल सुबह होनी है। इससे पहले मोदी का रस्मी स्वागत किया जाएगा। रूहानी मेजबान प्रधानमंत्री के सम्मान में भोज भी आयोजित करेंगें। इस यात्रा के दौरान मोदी ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामेनेइ से भी मिलेंगे।
उर्जा संपन्न ईरान की अपनी पहली यात्रा से पहले मोदी ने कहा कि उनकी इस खाड़ी देश की यात्रा का मकसद प्रतिबंध के बाद उसके साथ संपर्क, व्यापार, निवेश तथा उर्जा भागीदारी को मजबूत करना है। मोदी ने अपनी यात्रा से पहले ट्वीटर पर कई संदेशों के जरिये कहा कि कनेक्टिविटी बढ़ाना, व्यापार, निवेश, उर्जा भागीदारी, संस्कृति तथा लोगों का लोगों के साथ संपर्क हमारी प्राथमिकता है। मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति रूहानी तथा ईरान के सम्मानित शीर्ष नेता के साथ हमें रणनीतिक भागीदारी को आगे बढ़ाने का अवसर मिलेगा।
चाबहार बंदरगाह के पहले चरण के विकास के लिए समझौते के साथ साथ भारत, ईरान से तेल आयात दोगुना करने की भी सोच रहा है। कुछ साल पहले ईरान उसका दूसरा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता था। इसके साथ ही वह ईरान में एक विशाल गैस क्षेत्र के विकास के लिए अधिकार हासिल करना चाहता है। चाबहार बंदरगाह पर हस्ताक्षर के समय भारत के सड़क परिवहन, राजमार्ग व पोत परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद रहेंगे। चाबहार दक्षिण-पूर्व ईरान का बंदरगाह का है। इसके जरिये भारत, पाकिस्तान के बाहर-बाहर अफगानिस्तान तक पहुंचने का रास्ता बना सकेगा। अफगानिस्तान के साथ भारत के नजदीकी सुरक्षा और आर्थिक संबंध हैं।
प्रतिबंध हटने के बाद ईरान में राजनयिक और व्यावसायिक गतिविधियों में काफी तेजी आई है। चीन और रूस के नेता तेहरान जा चुके हैं। मोदी से पहले सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के अलावा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी ईरान यात्रा पर जा चुकी हैं।