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03 June 2015

मैं भारत फिर लौटूंगी - तस्लीमा

नरेंद्र बिष्ट

नसरीन ने ट्वीट किया, ‘बांग्लादेश में नास्तिक ब्लॉग लेखकों की हत्या करने वाले इस्लामी चरमपंथियों से धमकी मिली। मैं चिंता में थी। भारत सरकार में अधिकारियों से मिलना चाहती थी। अपाइंटमेंट नहीं मिला तो भारत से निकल आई। जब भी सुरक्षित महसूस करूंगी वापस आऊंगी।

 

न्यूयार्क के एक अधिकार समूह सेंटर फॉर इन्क्वायरी ने कल कहा कि उन्होंने चरमपंथियों द्वारा तस्लीमा को धमकियां मिलने के बाद उन्हें भारत से यहां आकर रहने में मदद की। ये चरमपंथी फरवरी से अब तक बांग्लादेश में तीन धर्मनिरपेक्ष ब्लागरों की हत्या के लिए जिम्मेदार हैं।

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तस्लीमा ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘मैं अक्सर अमेरिका जाती हूं। व्याख्यान देने के लिए और अपने परिवार से मिलने के लिए। मैंने भारत स्थाई तौर पर नहीं छोड़ा है। भारत सरकार मुझे हमेशा सुरक्षा उपलब्ध कराती है।

 

तस्लीमा की लज्जा और द्विखंडितो नामक किताबें चरमपंथियों की नाराजगी का कारण बन चुकी हैं। मुस्लिम चरमपंथियों की ओर से मिलने वाली मौत की धमकियों के चलते 52 वर्षीय लेखिका वर्ष 1994 से निर्वासित जीवन जी रही हैं।

 

लंबे समय तक यूरोप में रहने के बाद तस्लीमा ने सन 2004 में भारत में शरण ली। वह कोलकाता में रहीं और इसे अपना घर कहती रहीं। सन 2007 में मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों द्वारा उनकी कृतियों के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन के चलते उन्हें यहां से जाना पड़ा। लगभग सात महीने के लिए वह नई दिल्ली में अज्ञात स्थान पर रहीं और फिर स्वीडन चली गईं। स्वीडन ने उन्हें नागरिकता दे दी थी। फिर वह दिल्ली लौटीं और उन्हें लगातार भारतीय वीजा मिलता रहा है। आज के अपने ट्वीटों में तस्लीमा ने कहा, ‘मेरी पालतू बिल्ली मेरा इंतजार कर रही है।’

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TAGS: taslima nasreen, bangladeshi writer, lajja, swedan, america, तस्लीमा नसरीन, बांग्लादेशी लेखिका, स्वीडन, अमेरिका
OUTLOOK 03 June, 2015
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