चीन के तीन पत्रकारों को घर वापसी का आदेश्ा, भारत में गतिविधियां थी संदिग्ध
सूत्रोंं के मुताबिक आशंका है कि यह अपने आधिकारिक काम से अलग 'दूसरी गतिविधियों में भी संलग्न' हैं। इसी बाबत सुरक्षा एजेंसियों ने कई महीनों से इन पर नजर रखी हुई थी। इनका वीज़ा जनवरी में समाप्त हो गया था जिसके बाद लगातार इनकी अवधि बढ़ाई जा रही थी। 31 जुलाई को इन्हें वापिस लौटना है।
सूत्रों के मुताबिक चीन इन पत्रकारों की जगह भारत में दूसरे पत्रकारों को भेजने के लिए तैयार है। साथ ही उसने इस बात पर भी ज़ोर दिया है कि इस फैसले का चीन के भारत की एनएसजी सदस्यता का विरोध करने से कोई लेना-देना नहीं होना चाहिए।
ऐसा माना जा रहा है कि इस फैसले से दोनों देशों के बीच तनाव में और बढ़ोतरी हो सकती है। गौरतलब है कि चीन द्वारा भारत की सदस्यता के विरोध को कई विशेषज्ञ अलग ढंग से देख रहे हैं। जानकारों का कहना है कि ऐसा करके चीन, भारत के प्रभाव को कम करने की कोशिश करके अमेरिका के सामने अपनी ताकत का प्रदर्शन करना चाहता है। बता दें कि अमेरिका परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में भारत की सदस्यता का समर्थन कर रहा है। एजेंसी