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14 May 2016

ऑनलाइन थेरेपी से बेहतर तरीके से हो सकता है अवसाद का इलाज

गूगल

अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में अवसाद और बैचेनी से ग्रस्त 704 मरीजों को शामिल किया जिनकी उम्र 18 से 75 साल थी। अध्ययन में पता चला कि ऑनलाइन कंप्यूटराइज्ड कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी (सीसीबीटी) प्रोग्राम अकेले और इंटरनेट सपोर्ट समूहों (आईएसजी) के साथ उपलब्ध कराने से मरीजों के लिए बेहतर नतीजे आए।

 

यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग के प्रोफेसर ब्रूस अल रॉलमन ने कहा, हमारे अध्ययन में पाई गई चीजों का मानसिक स्वास्थ्य देखभाल के तरीके में बदलाव के लिहाज से महत्वपूर्ण प्रभाव है। उन्होंने कहा, अवसाद और बेचैनी से ग्रस्त मरीजों को इन उभरती तकनीकों तक पहुंच उपलब्ध कराना उन लोगों को प्रभावशाली मानसिक स्वास्थ्य उपचार देने का एक आदर्श तरीका हो सकता है, जो देखभाल संसाधनों तक सीमित पहुंच वाले इलाकों में रहते हैं या जिनके साथ परिवहन संबंधी दिक्कतें हैं या काम और घर से जुड़ी जिम्मेदारियां हैं जो उनके लिए व्यक्तिगत रूप से काउंसिलिंग हासिल करना बहुत मुश्किल कर देते हैं।

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TAGS: अवसाद, बेचैनी, अनुसंधान, वैज्ञानिक, ऑनलाइन थेरेपी, कारगर इलाज, अमेरिका, यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग, शोधकर्ता, कंप्यूटराइज्ड कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी, आईएसजी, anxiety, depression, scientists, Researchers, University of Pittsburgh, US, online computerised cognitive beh
OUTLOOK 14 May, 2016
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