अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के बाद प्रवासियों में व्याप्त डर एवं चिंता को रेखांकित करते हुए ओबामा प्रशासन में कार्यरत भारतीय मूल की एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि उन्होंने इस बेचैनी को अपने घर के भीतर महसूस किया है। उन्होंने कहा कि उनके बच्चों ने उनसे पूछा था कि डोनाल्ड ट्रंप की जीत का क्या यह अर्थ है कि हमें देश छोड़ना होगा।
तनाव और चिंता से भरी इस जिंदगी में आज के समय तैजी से बहुत से लोग अवसाद और बेचैनी व घबराहट की समस्या का सामना कर रहे हैं। इनके इलाज के अनुसंधान में लगे वैज्ञानिकों का कहना है कि बेचैनी और अवसाद के लिए आम प्राथमिक देखभाल की जगह मरीज को ऑनलाइन थेरेपी उपलब्ध कराना कहीं ज्यादा कारगर इलाज हो सकता है।