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विश्वभर में तीस करोड़ से अधिक लोग हैं अवसाद का शिकार : डब्ल्यूएचओ

विश्वभर में तीस करोड़ से अधिक लोग हैं अवसाद का शिकार : डब्ल्यूएचओ

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एक ताजा रिपोर्ट जारी कर बताया कि विश्वभर में 30 करोड़ से अधिक लोग ऐसे हैं जो अवसाद का शिकार हैं, जिसके कारण उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है जो अक्षमता का शिकार हो रहे हैं। सात अप्रैल को मनाए जाने वाले विश्व स्वास्थ्य दिवस से पहले डब्ल्यूएचओ ने यह रिपोर्ट जारी की है।
जेएनयू के छात्र ने की आत्महत्या

जेएनयू के छात्र ने की आत्महत्या

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के 27 साल के एक छात्र ने दक्षिण दिल्ली के मुनिरका इलाके में कल शाम अवसाद के चलते कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने बताया कि कृष नाम का यह युवक जेएनयू में एमफिल का छात्र था।
ऑनलाइन थेरेपी से बेहतर तरीके से हो सकता है अवसाद का इलाज

ऑनलाइन थेरेपी से बेहतर तरीके से हो सकता है अवसाद का इलाज

तनाव और चिंता से भरी इस जिंदगी में आज के समय तैजी से बहुत से लोग अवसाद और बेचैनी व घबराहट की समस्या का सामना कर रहे हैं। इनके इलाज के अनुसंधान में लगे वैज्ञानिकों का कहना है कि बेचैनी और अवसाद के लिए आम प्राथमिक देखभाल की जगह मरीज को ऑनलाइन थेरेपी उपलब्ध कराना कहीं ज्यादा कारगर इलाज हो सकता है।
प्रत्यूषा खुदकुशी मामला: बाॅयफ्रेंड राहुल अस्पताल में भर्ती

प्रत्यूषा खुदकुशी मामला: बाॅयफ्रेंड राहुल अस्पताल में भर्ती

टीवी अभिनेत्री प्रत्यूषा बनर्जी के अपने घर में मृत पाए जाने के दो दिन बाद आज उनके बाॅयफ्रेंड राहुल राज सिंह को पुलिस की पूछताछ के दौरान सांस लेने में दिक्कत होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया। प्रत्यूषा की कथित खुदकुशी के मामले में पुलिस उससे दूसरे दिन पूछताछ कर रही थी।
अवसाद पर सजग करती है प्रत्यूषा की मौत : करण जौहर

अवसाद पर सजग करती है प्रत्यूषा की मौत : करण जौहर

टीवी अभिनेत्री प्रत्यूषा बनर्जी की कथित खुदकुशी पर दुख व्यक्त करते हुए फिल्म निर्माता करण जौहर ने कहा कि उनकी मौत वैसे लोगों को सजग करने वाली है जो अवसाद को नजरंदाज कर देते हैं।
अवसाद झेल चुकी दीपिका इसके प्रति लाएंगी जागरूकता

अवसाद झेल चुकी दीपिका इसके प्रति लाएंगी जागरूकता

दीपिका पादुकोण एक अभियान शुरू करने वाली हैं जो अवसाद से जुड़ी मानसिक समस्या के खिलाफ उनकी लड़ाई से जुड़ा हुआ है। दीपिका का कहना है कि वह खुद इस समस्या को झेल चुकी हैं।
प्रकृति के साथ अवसाद की न हो बात

प्रकृति के साथ अवसाद की न हो बात

स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं की मानें तो प्राकृतिक माहौल में सैर करने से अवसाद से दूर रहा जा सकता है। जो लोग अवसाद में रहते हैं और शहरी इलाकों या बहुत भीड़ वाली जगह पर रहते हैं या ऐसी ही जगहों पर सैर करते हैं उन्हें सलाह है कि प्रकृति के थोड़ा करीब जाएं।
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