पुलिस के मुताबिक वह निजी कारणों को लेकर अवसाद में था जबकि उसके दोस्तों ने उसका फेसबुक पोस्ट साझा किया जिसमें उसने एमफिल और पीएचडी दाखिले में कथित भेदभाव का आरोप लगाया था। उसने 10 मार्च को किए फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि एमफिल, पीएचडी दाखिले में कोई समानता नहीं है, मौखिक परीक्षा में कोई समानता है...। उन्होंने कहा कि जब समानता नहीं मिलती है तब कोई चीज नहीं मिलती है। पुलिस ने बताया कि अब तक कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि अभी तक यह पता नहीं चला है कि क्या उसके यह कठोर कदम उठाने के पीछे विश्वविद्यालय का कोई मुद्दा है। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ समय से वह निजी कारणों को लेकर अवसाद में था। पुलिस ने उसका शव पंखे से लटका पाया। (एजेंसी)