Advertisement
27 August 2016

नासा बना रहा है शनि के चंद्रमा टाइटन पर पनडुब्बी भेजने की योजना

गूगल

नासा के अनुसंधानकर्ताओं ने यह सुझाव दिया कि समुद्र की रासायनिक संरचना, तरंगों और ज्वार भाटों तथा समुद्र के सतही विन्यास को मापने के लिए इस पनडुब्बी में उपकरण मौजूद होंगे। सतह पर आने पर पनडुब्बी के शीर्ष पर लगा एंटीना पृथ्वी से संपर्क करने में मदद करेगा। चूंकि महासागर के अंदर यह संचार करने में सक्षम नहीं होगा इसलिए जीवन की तलाश की इसकी योजना को पूर्ण रूप से स्वायत्त रखा गया है। अमेरिका में नासा इनोवेटिव एडवांस्ड कॉन्सेप्ट्स सिम्पोजियम में नासा के एक क्रायोजेनिक्स इंजीनियर जेसन हार्टविग ने बताया, वास्तव में ऐसे दो प्रमुख कारण हैं जिसकी वजह से हम टाइटन पर जाना चाहते हैं। इनवर्स डॉट कॉम ने हार्टविग के हवाले से बताया, सबसे पहले यह सुनिश्चित करना है कि टाइटन पर हाइड्रोकार्बन आधारित जीवन संभव है।

इसके अलावा हमारी सौर प्रणाली में टाइटन ही एकमात्र ऐसा उपग्रह है जहां बादल और वायुमंडल हैं। अत्यधिक ठंड और तरल मिथेन के महासागरों को छोड़ दें तो टाइटन और पृथ्वी में काफी समानता है। जीवन कैसे विकसित होता है संभवत: मिथेन के समुद्र में छिपे रहस्य से इसके संकेत का पता चलता है और यहां तक कि वहां सूक्ष्म जीवाणुओं की भी मौजूदगी की संभावना हो सकती है। बहरहाल, यह अभियान अभी अपने वैचारिक चरण में ही है।

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: शनि, चंद्रमा, टाइटन, जीवन के संकत, पनडुब्बी, रासायनिक संरचना, तरंग, ज्वार भाटों, नासा इनोवेटिव एडवांस्ड कॉन्सेप्ट्स सिम्पोजियम, जेसन हार्टविग, Saturn, Moon, Titan, Largest ocean, Signs of life, NASA, Submarine, Research, Chemical composition, Current, Tides, NASA Innovat
OUTLOOK 27 August, 2016
Advertisement