शिवसेना ने अपने मुखपत्र में छपे संपादकीय में कहा है कि प्रधानमंत्री का अगला लक्ष्य पाक अधिकृत कश्मीर और बलूचिस्तान की स्वतंत्रता है। इसलिए अगर मोदी बलूचिस्तान में दीवाली मनाएं तो हमें कोई आश्चर्य नहीं होगा। पार्टी ने लिखा है, विपक्ष का मानना है कि मोदी की उत्तर प्रदेश की यात्रा से वहां एक राजनीतिक माहौल पैदा होगा। लेकिन, शिवसेना चाहती है कि मोदी लखनऊ किसी राजनीतिक फायदे के लिए नहीं जाएं बल्कि वहां जाकर अयोध्या में श्रीराम मंदिर बनाने की घोषणा करें। शिवसेना ने स्पष्ट शब्दों में अपनी सहयोगी पार्टी के बारे में कहा है कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भाजपा को कोई फायदा नहीं होगा बल्कि बिहार की पुनरावृत्ति हो सकती है। पार्टी ने लिखा, बिहार चुनाव के दौरान भाजपा ने मोदी की छवि को दांव पर लगाया था लेकिन पार्टी को मुंह की खानी पड़ी। इस पर अगर विचार करें तो यह मानने का कोई कारण नहीं है कि लखनऊ में रावण दहन कार्यक्रम में मोदी के हिस्सा लेने से भाजपा को कोई लाभ होगा।
संपादकीय में शिवसेना ने कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों पर भी टिप्पणी की है। पार्टी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पहले से ही बेहद खराब हालत में है। मायावती के बसपा का कोई भविष्य नहीं है जबकि सपा पारिवारिक झगड़े में व्यस्त है। ऐसे में अगर भाजपा कुछ सीटें जीत भी लेती है तो उसे असली जीत नहीं कहा जा सकता। गौरतलब है कि पूरानी परंपरा को तोड़ते हुए प्रधानमंत्री मोदी अगले सप्ताह लखनऊ के ऐशबाग रामलीला में हिस्सा लेंगे। आम तौर पर प्रधानमंत्री राजधानी दिल्ली में दशहरा मनाते हैं।