Advertisement
28 August 2016

फतवा : शौहर ठीक नहीं तो औरत भी दे सकती है तलाक

google

मुफ्ती सलीम नूरी से मैनचेस्टर से मौलाना असद मसूद ने दो साल पहले सवाल किया था कि जब इस्लाम में औरत और मर्द को बराबर का हक है तो महिला तलाक क्यों नहीं दे सकती। इसी मसले पर कानपुर के फहीम रजा ने फिर सवाल किया था कि क्या औरत तलाक का फैसला ले सकती है और अगर शौहर अख्तियार दे दे तो वो तलाक देने की हकदार है या नहीं। इस पर मुफ्ती सलीम नूरी का जवाब था कि फिकही जबान में इसको तफवीजे़ तलाक कहते हैं। इसकी कुछ खास शर्तें रखी हैं जिसका उल्लेख फिकही किताबों में मौजूद है

जिस औरत को तफवीजे तलाक का ये अधिकार दिया जाए उसके बारे में पहले ये यकीन कर लिया जाए कि वह इसका इस्तेमाल जायज तरीके से कर पाएगी या नहीं। महिला के अभिभावक को अगर ये खतरा हो कि हमारी बेटी का शौहर हमारी बेटी के ऊपर जुल्म करेगा या वे किसी गलत आचरण का शिकार हो जाएगा, जरूरत पड़ने पर हमारी बेटी को तलाक नहीं देगा और उसके अधिकारों की पूर्ति भी नहीं करेगा तो ऐसी सूरत में इस समस्या के समाधान के लिए शरीयत में तफवीजे़ तलाक का प्रावधान रखा गया है।

इस मामले में एक जरूरी पहलू दृष्टिगत जरूर रखना चाहिए कि जब भी तफवीजे़ तलाक की नौबत आए तो किसी अच्छे मुफ्ती या आलिमेदीन से उसका मजमून बनवा लें क्योंकि इसके जो शब्द हैं वो निर्धारित हैं और जो इसकी शर्तें हैं वे भी निर्धारित, भाषा भी निर्धारित है जिसमें जरा सी गड़बड़ी होने से तफवीजे़ तलाक़ के  मसले में व्यवधान पैदा हो जाता है।

Advertisement

देवबंद से जुड़े जमीतुल उलमा के जिला सदर मुफ्ती मोहम्मद मियां कासमी ने भी तफवीजे़ तलाक पर सहमति जताई है। उनका कहना है कि शरियत में इसकी इजाजत है। अगर शौहर अपनी बीवी को तलाक लेने की इजाजत दे दे तो शरअन जायज है। लिहाजा औरत हजबे इजाजत अपने ऊपर तलाक दे सकती है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: फतवा, इस्‍लाम, औरत, शौहर, तलाक, बरेली, fatwa, islam, woman, man, talaq, husband, wife
OUTLOOK 28 August, 2016
Advertisement